विलय को लेकर राजद-जदयू कार्यकर्ता उहापोह में, शरद बोले- जदयू, राजद व कांग्रेस साथ मिलकर लड़ेंगे चुनाव
पटना/नयी दिल्ली : बिहार विधानसभा चुनाव के नजदीक आने के बावजूद अब तक विलय की तस्वीर साफ नहीं होने को लेकर राजद-जदयू कार्यकर्ताओं में उहापोह की स्थिति बनी है. दोनों दलों के कार्यकर्ताओं में विलय या गठबंधन को लेकर धैर्य की सीमा समाप्त हो रही है. सामाजिक कार्यक्रम में शामिल होने के दौरान कार्यकर्ताओं को […]
पटना/नयी दिल्ली : बिहार विधानसभा चुनाव के नजदीक आने के बावजूद अब तक विलय की तस्वीर साफ नहीं होने को लेकर राजद-जदयू कार्यकर्ताओं में उहापोह की स्थिति बनी है. दोनों दलों के कार्यकर्ताओं में विलय या गठबंधन को लेकर धैर्य की सीमा समाप्त हो रही है. सामाजिक कार्यक्रम में शामिल होने के दौरान कार्यकर्ताओं को जनता की ओर से पूछे जा रहे सवालों का जवाब नहीं मिल रहा है. इन सबके बीच जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने एक बार फिर कहा है कि उनकी पार्टी राजद एवं कांग्रेस के साथ मिलकर बिहार में चुनाव लड़ेगी.
बिहार विधानसभा चुनाव में अब ज्यादा वक्त नहीं बचा है. ऐसे में विलय या गठबंधन को लेकर राजद-जदयू के कार्यकर्ताओं में धैर्य की सीमा समाप्त हो रही है. उनको यह समझ नहीं आ रहा है कि जनता के बीच इस संबंध में पूछे जा रहे सवालों का वे क्या जवाब दें. आम जनता के सवालों पर कार्यकर्ता सिर्फ पार्टी नेतृत्व के निर्णय का हवाला देकर नेता मौन हो जाते हैं. वहीं, राजद नेताओं ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद को राष्ट्रीय कार्यकारिणी में भी सभी तरह के फैसले लेने के लिए अधिकृत कर दिया. पार्टी नेताओं ने लालू प्रसाद के हर निर्णय का पालन करते हुए पार्टी के कार्यो को गति देने पर सहमति भी जता दी. राष्ट्रीय कार्य समिति की बैठक के संपन्न हुए डेढ़ माह से अधिक समय गुजर गया है. न तो दल का विलय हुआ और न सीटों को लेकर गंठबंधन पर सहमति बनी. अब कार्यकर्ता इस इंतजार में हैं को जो भी निर्णय हो, एक-दो दिन में हो जाना चाहिए.
उधर, विलय या गठबंधन पर मचे सियासी जंग के बीच जदयू के कार्यकर्ता भी परेशानी में दिख रहे है. हालांकि उन्होंने खुले तौर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पक्ष में खड़े होने का दावा किया है. मुख्यमंत्री से इस मामले पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने मुलाकात कर बैठकें भी की है. इस दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं ने स्पष्ट किया है कि जदयू विधानसभा का चुनाव कांग्रेस के साथ मिलकर लड़े, अकेले लड़े या राजद के साथ मिलकर, हर स्थिति में उनके नेता नीतीश कुमार ही होंगे. सूत्रों की मानें तो पार्टी आलाकमान ने कार्यकर्ताओं को भाजपा के विरोध में प्रचार करने के साथ ही पार्टी को संगठित करने का निर्देश दिया है. 24-30 जून तक गांवों में चौपाल में पर्चे पर चर्चा में सरकार की उपलिब्धयों व केंद्र सरकार की नाकामियों से लोगों को अवगत कराये जाने का निर्देश दिया गया है. इन सबके बीच गठबंधन या विलय पर आम जनता के सवालों का जवाब देने में पार्टी कार्यकर्ताओं को परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
उधर, इस मामले पर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने कहा है कि उनकी पार्टी राजद व कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव मैदान में उतरेगी. शरद यादव के इस बयान के बाद गठबंधन या विलय को लेकर जारी गतिरोध को कुछ हद तक विराम मिलने की उम्मीद जताई जा रही है. ऐसे में इस मामले पर जल्द ही कोई निर्णय लिये जाने की उम्मीद जताई जा रही है.