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बाढ़-सुखाड़ से निबटने के लिए समेकित जल प्रबंधन जरूरी: सिन्हा

संवाददाता,पटनाआपदा प्रबंधन प्राधिकार के उपाध्यक्ष अनिल सिन्हा ने कहा है कि बिहार बाढ़ और सुखाड़ दोनों की समस्या से त्रस्त रहता है. इसलिए यहां बाढ़ सुरक्षा सप्ताह के बजाय बाढ़ और सुखाड़ सुरक्षा सप्ताह संयुक्त रूप से मनाना चाहिए. वह बाढ़ और सुखाड़ के दौरान सतत कृषि कार्य पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 5, 2015 12:05 AM

संवाददाता,पटनाआपदा प्रबंधन प्राधिकार के उपाध्यक्ष अनिल सिन्हा ने कहा है कि बिहार बाढ़ और सुखाड़ दोनों की समस्या से त्रस्त रहता है. इसलिए यहां बाढ़ सुरक्षा सप्ताह के बजाय बाढ़ और सुखाड़ सुरक्षा सप्ताह संयुक्त रूप से मनाना चाहिए. वह बाढ़ और सुखाड़ के दौरान सतत कृषि कार्य पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि राज्य में बाढ़ और सुखाड़ के स्थायी समाधान के लिए समेकित जल प्रबंधन की आवश्यकता है. केंद्रीय जल आयोग के पूर्व अध्यक्ष विभाष कुमार ने कहा कि किसानों को आपदा की चेतावनी को ध्यान में रख कर ही कृषि संबंधी योजना बनानी चाहिए. आइआइटी कानपुर के प्रो राजीव सिन्हा ने कहा कि बाढ़ और सुखाड़ से निबटने के लिए अपनायी जाने वाली रणनीतियों पर नये सिरे से अध्ययन करना चाहिए. प्रो संतोष कुमार ने कहा कि जल प्रबंधन और बाढ़ से निबटने के लिए अब तक देश या राज्य में कोई सिलेबस नहीं है. वहीं चीन में दो-दो विश्वविद्यालयों में इसकी पढ़ाई होती है. राज्य सरकार को भी इंजीनियरिंग कॉलेजों में इसकी पढ़ाई के लिए सिलेबस में प्रावधान करना चाहिए. कार्यशाला को प्राधिकार के सदस्य उदय कांत मिश्र व मौसम विज्ञान विभाग के निदेशक एके सेन ने संबोधित किया.

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