स्वीपर व वार्ड ब्वाय की मदद से किया ऑपरेशन

देर रात पारा मेडिकल स्टाफ की हड़ताल खत्म होने से पहले मरीज रहे परेशान पटना : तीन दिनों से चल रही कांट्रैक्ट पारा मेडिकल स्टाफ की हड़ताल भले हीशुक्रवार की देर रात खत्म हो गयी. लेकिन, इन तीन दिनों में मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. बुधवार व गुरुवार को पीएमसीएच समेत कई […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 6, 2015 7:21 AM
देर रात पारा मेडिकल स्टाफ की हड़ताल खत्म होने से पहले मरीज रहे परेशान
पटना : तीन दिनों से चल रही कांट्रैक्ट पारा मेडिकल स्टाफ की हड़ताल भले हीशुक्रवार की देर रात खत्म हो गयी. लेकिन, इन तीन दिनों में मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा.
बुधवार व गुरुवार को पीएमसीएच समेत कई अस्पतालों में करीब 200 लोगों का ऑनरेशन नहीं हो सका. हालांकि शुक्रवार को पीएमसीएच में मरीजों के दबाव को देखते हुए ऑपरेशन तो किये गये, लेकिन स्वीपर व वार्ड ब्वाय की मदद से. बिना प्रशिक्षण प्राप्त स्वीपर ओटी में डॉक्टर की मदद कर रहे थे.
वहीं, ऑर्थोपेडिक ऑपरेशन थिएटर में टेक्निशियन की जगह वार्ड ब्वाय एक्स-रे मशीन चला रह थे. सूत्रों के मुताबिक पीएमसीएच के कुल 14 ओटी में बिना प्रशिक्षण प्राप्त वार्ड ब्वाय व स्वीपर ने ड्रेसिंग व ओटी अटेंडेंट का काम किया. इधर हड़तालियों के हंगामे को ध्यान में रखते हुए प्रिंसिपल ने पहले से ही पुलिस सुरक्षा मांग ली थी. कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के कारण हड़तालियों ने हंगामा नहीं किया और ऑपरेशन सफल तरीके से हुआ. मरीजों की लगातार बिगड़ रही हालत को देखते हुए शुक्रवार को पीएमसीएच में ऑपरेशन करने का काम शुरू हुआ.
तीसरे दिन 44 मरीजों का ऑपरेशन किया गया. अस्पताल अधिकारियों के मुताबिक पहले से प्रस्तावित मरीजों के ऑपरेशन किये गये. इनमें सबसे अधिक संख्या राजेंद्र नगर सजिर्कल व गायनी वार्ड के मरीजों की थी. वहीं, अस्पताल सूत्रों की मानें, तो सभी 44 ऑपरेशन माइनर हुए हैं.
डॉक्टरों ने गंभीर मरीजों का इलाज करने से मना कर दिया.इधर, एनएमसीएच रोड में स्थित टीबीडीसी केंद्र में शुक्रवार को भी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गये टीवी कंट्रोल इंप्लाइज एसोसिएशन के सदस्यों ने प्रदर्शन किया. वहीं पारा मेडिकल कर्मियों के हड़ताल पर जाने की वजह से अस्पताल में दो दर्जन से अधिक ऑपरेशन टल गये हैं.
पटना : सीबीएसइ ने 13 स्कूलों की मान्यता खत्म कर दी है. जब तक उन्हें दुबारा मान्यता नहीं मिल जाती, तब तक कोई भी स्कूल किसी भी क्लास में नया एडमिशन नहीं ले सकता है. यहां तक कि 9वीं और 11वीं में रजिस्ट्रेशन भी नहीं किया जायेगा.
लेकिन सीबीएसइ के तमाम नियमों को ताक पर रख कर पटना में डी-एफिलिएटेड स्कूल धड़ल्ले से 9वीं और 11वीं में नामांकन ले रहे हैं. ऐसे छात्र किस आधार पर सीबीएसइ के फाइनल एग्जाम में भाग लेंगे, इस पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं.
डीएवी बीएसइबी में लिया जा रहा 11वीं में नामांकन
डीएवी बीएसइबी के अनुसार 11वीं में नामांकन की प्रक्रिया चल रही है. स्कूल प्रशासन के अनुसार नामांकन केवल डीएवी बीएसइबी के छात्रों का ही हो रहा है. बाहर के छात्रों का नामांकन नहीं लिया जा रहा है. इसके लिए स्कूल को सीबीएसइ रीजनल ऑफिस से आदेश प्राप्त हुआ है.
लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि ये छात्र 11वीं में नामांकन तो ले लेंगे, लेकिन सीबीएसइ की एलओसी (लिस्ट ऑफ कैंडिडेंट्स) में कैसे शामिल हो पायेंगे और किस आधार पर 12वीं बोर्ड की परीक्षा में शामिल होंगे. ज्ञात हो कि डीएवी बीएसइबी का एफिलिएशन 31 मार्च, 2015 को खत्म हो गया है और दुबारा उसे मान्यता नहीं दी गयी है.
सीबीएसइ ने दे रखी है सख्त हिदायत
सीबीएसइ ने जिन 13 स्कूलों की मान्यता खत्म की है, उन्हें लेटर भेज कर आदेश दिया गया कि इन स्कूलों में कक्षा 9वीं और 11वीं में नये सत्र में नामांकन तब तक नहीं लिया जा सकता है, जब तक कि उन्हें दुबारा मान्यता नहीं मिल जाती है.
यही नहीं, वैसे स्कूलों में कोई नया क्लास भी नहीं चल सकता है. अगर कोई स्कूल की मान्यता एकेडमिक कैलेंडर के बीच में खत्म की जाती है, तो ऐसे में 10वीं और 12वीं में पढ़ रहे स्टूडेंट्स केवल आगे की पढ़ाई को कंटीन्यू कर सकते हैं. साथ ही यदि 9वीं में अगर स्टूडेंट्स का रजिस्ट्रेशन हो गया होता है, तो वे केवल बोर्ड परीक्षा दे सकते हैं.
खत्म हुई थी एवीएन की मान्यता
हाल में एवीएन इंगलिश स्कूल में स्टूडेंट्स को 10वीं बोर्ड का रिजल्ट नहीं मिला. स्कूल की मान्यता खत्म होने के बाद एवीएन इंगलिश स्कूल की किसी भी एक्टिविटी में सीबीएसइ की भागीदारी बंद हो गयी थी.
ऐसे में स्कूल ने स्टूडेंट्स के कई डॉक्यूमेंट्स को सीबीएसइ के पास जमा नहीं किया. रिजल्ट मांगने पर सीबीएसइ ने छात्रों के डॉक्यूूमेंट्स जमा करने का कहा. सीबीएसइ के अनुसार एवीएन इंगलिश स्कूल अब अगले साल से 10वीं बोर्ड की परीक्षा नहीं ले सकता है.
डीएवी बीएसइबी को हमने फ्रेश एडमिशन लेने से मना किया है. किसी नये स्टूडेंट का टीसी लेकर भी उसका फ्रेश नामांकन स्कूल नहीं ले सकता है. लेकिन जिन स्टूडेंट्स ने 10वीं की पढ़ाई डीएवी बीएसइबी स्कूल से की है, केवल उनका नामांकन लेने को ही उसे कहा गया है.
रश्मि त्रिपाठी, रीजनल ऑफिसर, सीबीएसइ पटना

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