अंजनी कुमार सिंह
नयी दिल्ली : जदयू और राजद ने विधानसभा चुनाव मिल कर लड़ने का फैसला किया है. सीट बंटवारे को लेकर छह सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है, जिसमें राजद और जदयू के तीन-तीन सदस्य होंगे. सपा प्रमुख मुलायम सिंह के आवास पर रविवार को हुई बैठक के बाद सपा महासचिव रामगोपाल यादव ने इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई विवाद नहीं है और इस पर कोई चर्चा नहीं हुई. जनता परिवार के विलय से संबंधित सवाल के जबाव में रामगोपाल ने कहा कि बिहार चुनाव के बाद विलय होगा.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के बीच होनेवाली इस बैठक को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा था. मीडिया की निगाहें इस बैठक के नतीजे पर दिन भर टिकी रहीं. करीब ढाई घंटे की बैठक के बाद दोनों दलों के साथ-साथ लड़ने की घोषणा सपा महासचिव ने की. घोषणा के तुरंत बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुलायम सिंह के आवास से निकल गये. वह जदयू अध्यक्ष शरद यादव के आवास पर थोड़ी देर रुक कर सीधे एयरपोर्ट के लिए निकल गये. मुख्यमंत्री के निकलने के बाद शरद यादव दोबारा मुलायम सिंह यादव के आवास पर पहुंचे. जानकारों का कहना है कि कुछ मुद्दों पर सहमति नहीं बनी थी, उन मुद्दों पर दोबारा विचार-विमर्श के लिए शरद यादव ने मुलायम सिंह यादव के आवास पर पहुंच कर लालू प्रसाद से विस्तार से विचार-विमर्श किया. देर शाम तक लालू प्रसाद और शरद यादव मुलायम सिंह यादव के आवास पर ही विचार-विमर्श कर रहे थे.
रामगोपाल यादव द्वारा दोनों दलों के साथ लड़ने की घोषणा के बाद भी सूत्रों का कहना है कि दोनों दलों के बीच अभी पेच फंसा है. पहला, सीटों की संख्या के अलावा दर्जनों ऐसी सीटें हैं, जिन पर जदयू या राजद में से कोई भी दल उन सीटों पर अपना दावा छोड़ने को तैयार नहीं है. दूसरा, नीतीश कुमार के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़ने की आधिकारिक घोषणा से राजद परहेज कर रहा है. राजद के अपने तर्क हैं, लेकिन उन तर्को से जदयू सहमत नहीं दिख रहा है. सीटों के बंटवारे को लेकर कमेटी का गठन किया गया है. लेकिन, जब तक आधिकारिक रूप से नीतीश कुमार को गंठबंधन के तहत अगले सीएम के रूप में प्रोजेक्ट नहीं किया जाता है, तब तक इस पर कुछ कहना जल्दबाजी होगी.
इधर नीतीश मिले राहुल से
मुलायम सिंह के आवास पर बैठक के पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के आवास पर जाकर उनसे मुलाकात की. बिहार के मुख्यमंत्री की राहुल के साथ यह बैठक भाजपा से निबटने के लिए धर्मनिरपेक्ष गंठबंधन को लेकर चल रही बातचीत के बीच हुई है. राहुल के साथ उनकी इस बैठक को इस रूप में देखा जा रहा है कि नीतीश की तरजीही पसंद कांग्रेस है. मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी को लेकर राजद व जदयू नेताओं में गतिरोध के बीच कांग्रेस ने यह स्पष्ट किया है कि भले ही वह लालू एवं नीतीश सहित प्रस्तावित महाविलय को लेकर इच्छुक है, लेकिन यदि वे साथ में आने में विफल रहे तो पार्टी जदयू के साथ जाना पसंद करेगी.
बिहार में राजद-जदयू के बीच गंठबंधन को लेकर कांग्रेस आशान्वित है. बिहार में भाजपा को शिकस्त देने के लिए सेकुलर ताकतों को एकजुट होना होगा.
गुलाम नवी आजाद , कांग्रेस
गंठबंधन को कोई नेता प्रतिष्ठा का प्रश्न न बनाए. भाजपा को रोकने और धर्मनिपरेक्षता की रक्षा के लिए धर्मनिरपेक्ष दलों के बीच गंठबंधन समय की मांग है.
तारिक अनवर , सांसद राकंपा