न्यायपालिका से ऊपर देश की जनता : सीजेआइ

पटना सिटी: सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति पी सदाशिवम ने कहा कि निचली अदालतें अधिसंख्य आबादी के न्याय का निर्धारण करती हैं. अधिकतर लोग उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय नहीं पहुंच पाते. इस कारण निचली अदालतों को सत्यनिष्ठा से न्यायिक कार्य करने की जरूरत हैं. देश की जनता की नजर न्यायाधीशों पर टिकी है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 22, 2013 6:57 AM

पटना सिटी: सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति पी सदाशिवम ने कहा कि निचली अदालतें अधिसंख्य आबादी के न्याय का निर्धारण करती हैं. अधिकतर लोग उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय नहीं पहुंच पाते. इस कारण निचली अदालतों को सत्यनिष्ठा से न्यायिक कार्य करने की जरूरत हैं. देश की जनता की नजर न्यायाधीशों पर टिकी है.

बिहार न्यायिक अकादमी की ओर से 27 वीं न्यायिक सेवा के 217 नव नियुक्त पदाधिकारियों के इंडक्शन ट्रेनिंग का उद्घाटन करने आये भारत के मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि न्यायाधीश भी जनता के सेवक हैं. प्रजातंत्र में सर्वशक्तिमान जनता है. न्यायिक अधिकारियों से उन्होंने कहा कि न्यायाधीश के रूप में आप जनता के नीचे हैं.

जनतंत्र में सारी शक्ति जनता के हाथ में है. उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने नवनियुक्त न्यायिक अधिकारियों से कहा कि आपका पूरा समय जनता के लिए है. इसलिए समय का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए. अगले 20 से 30 वर्षो तक आपको जनता की सेवा का मौका मिलेगा. इसलिए अपने ज्ञान को लगातार बढ़ाते रहने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि देश भर के न्यायाधीशों को लैपटाप की सुविधा मिली है. न्यायाधीशों को सभी जर्नल और रिपोर्ट का अध्ययन करने की सलाह दी, ताकि देश भर के फैसलों की जानकारी वे रख सकें. न्यायिक अधिकारियों को प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने कहा कि यह अद्भुत संयोग है कि देश के मुख्य न्यायाधीश और उच्चतम न्यायालय के तीन जज न्यायाधीश आरएन लोढा, एसजे मुखोपाध्याय और ज्ञानसुधा मिश्र, पटना उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश और सभी जज इंडक्शन कार्यक्रम में उपस्थित हुए.

देश के मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि महिलाओं व बच्चों से संबंधित किसी भी तरह के मामलों का शीघ्र निष्पादन किया जाना चाहिए, ताकि सही समय पर उन्हें न्याय मिल सके. सामाजिक परिवेश को भी समङों व उसी के तहत न्याय प्रदान करना चाहिए . न्यायिक कार्य निबटाते समय किसी से प्रभावित हुए या फिर डरने की जरूरत नहीं है. न्यायिक अधिकारियों से उन्होंने कहा कि किसी भी मामले में आरोपपत्र दाखिल होने पर दो माह में उसका निष्पादन करने का प्रयास किया जाना चाहिए . न्याय में ईमानदारी व पारदर्शिता अति आवश्यक है. ट्रायल कोर्ट द्वारा दिये गये आदेश का मामला भी सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचता है. आदेश ऐसा होना चाहिए कि वह पूरी तरह से बरकरार रहे. यह तभी संभव हो सकता है, जब स्वयं कानून के जानकार होंगे.

जनता चाहती त्वरित न्याय – जस्टिस वीएन सिन्हा
समारोह में मौजूद पटना उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश रेखा एम दोशित ने न्यायिक अधिकारियों से न्याय के साथ जनता की सेवा करने की सलाह दी. बिहार न्यायिक अकादमी के अध्यक्ष और उच्च न्यायालय के न्यायाधीश वीएन सिन्हा ने कहा कि अपने व्यक्तिगत कार्यक्रम से समय निकाल कर देश के मुख्य न्यायाधीश यहां आये हैं, यह बड़ी बात है. उन्होंने कहा कि न्यायिक अधिकारियों को अपना ज्ञान बढ़ाना है, जनता की सेवा करनी है. मुकदमों की संख्या अधिक है. इस कारण स्पीडी डिस्पोजल भी होना चाहिए. देर होने से विश्वास टूटता है. अकादमी के निदेशक न्यायाधीश जीएम शर्मा ने इंडक्शन कार्यक्रम का संचालन किया. उन्होंने कहा कि न्यायाधीशों का कार्य सत्य की राह चलना है. इस पर अमल करने की जरूरत है.

पौधारोपण किया
इससे पूर्व सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति सदाशिवम ने बिहार ज्यूडिशियल एकेडमी में पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधारोपण किया. गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण किया. न्यायाधीश नवनीति प्रसाद सिन्हा ने धन्यवाद ज्ञापन किया. मौके पर पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश नवीन सिन्हा सहित कई न्यायिक पदाधिकारी उपस्थित थे. संस्थान के निदेशक ने बताया कि इंडक्शन ट्रेनिंग एक वर्ष का होगा. प्रथम चरण के बैच में 25 महिला प्रशिक्षु न्यायिक अधिकारी भी शामिल हुई.

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