प्राचार्य नियुक्ति घोटाला: पूर्व वीसी के खिलाफ कार्रवाई पर लगी रोक

पटना. मगध विवि प्राचार्य नियुक्ति घोटाले में जेल में बंद विवि के पूर्व कुलपति प्रो अरुण कुमार को बुधवार को पटना हाइकोर्ट से बड़ी राहत मिल गयी. न्यायाधीश नवनीति प्रसाद सिंह के कोर्ट ने कहा कि पूर्व कुलपति के खिलाफ चल रही कार्रवाई पर तत्काल रोक भी लगा दी और कहा कि उन पर कोई […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 11, 2015 6:54 AM
पटना. मगध विवि प्राचार्य नियुक्ति घोटाले में जेल में बंद विवि के पूर्व कुलपति प्रो अरुण कुमार को बुधवार को पटना हाइकोर्ट से बड़ी राहत मिल गयी. न्यायाधीश नवनीति प्रसाद सिंह के कोर्ट ने कहा कि पूर्व कुलपति के खिलाफ चल रही कार्रवाई पर तत्काल रोक भी लगा दी और कहा कि उन पर कोई आपराधिक मामला नहीं बनता है. कोर्ट ने कहा कि प्राचार्य की नियुक्ति चयन कमेटी की सिफारिश पर होती है. इस कमेटी में कई लोग हाते हैं.

कुलाधिपति कार्यालय की भी सहमति होती है. ऐसे में अकेले कुलपति पर आरोप सही नहीं है. पूर्व कुलपति की ओर से वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा ने बहस की. बहस सुनने के बाद विशेष कोर्ट ने कहा कि पूर्व कुलपति पर कोई आपराधिक मामला नहीं बनता. इधर कोर्ट ने अरुण कुमार को राहत दी, उधर सिविल कोर्ट स्थित निगरानी की विशेष अदालत के जज राघवेंद्र कुमार सिंह ने पूर्व कुलपति अरुण कुमार और इसी मामले में जेल में बंद प्राचार्य प्रवीण कुमार को औपबंधिक जमानत भी दे दी. निगरानी की अदालत ने दोनों को फिलहाल 15 दिनों के लिए जमानत दी है.

गौरतलब है कि पटना हाइकोर्ट के निर्देश पर ही पूर्व कुलपति समेत 25 लोगों पर प्राचार्य नियुक्ति मामले में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. हाल ही में पूर्व कुलपति को निगरानी की टीम ने गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के बाद पूर्व कुलपति को खराब स्वास्थ्य के आधार पर पीएमसीएच में भरती कराया गया था.

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