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विधि-व्यवस्था में कोताही बरदाश्त नहीं होगी : सीएम
पुलिस अफसरों के सम्मान समारोह में बोले सीएम पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था में गिरावट बरदाश्त नहीं की जायेगी. मुख्यमंत्री ने पुलिस अधिकारियों को कानून-व्यवस्था की स्थिति में लगातार सुधार लाने का टास्क देते हुए कहा कि पुलिस अफसर किसी भी बाहरी दबाव को स्वीकार नहीं करें […]
पुलिस अफसरों के सम्मान समारोह में बोले सीएम
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था में गिरावट बरदाश्त नहीं की जायेगी. मुख्यमंत्री ने पुलिस अधिकारियों को कानून-व्यवस्था की स्थिति में लगातार सुधार लाने का टास्क देते हुए कहा कि पुलिस अफसर किसी भी बाहरी दबाव को स्वीकार नहीं करें और कानून के राज के एजेंडे से किसी भी कीमत पर पीछे नहीं हटे.
संवाद कक्ष में आयोजित समारोह में 35 पुलिसकर्मियों को सम्मानित करने के बाद उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों में पुलिस ने नाम कमाया है, उसे गंवाये नहीं. जिस थाना क्षेत्र में अधिक आपराधिक घटनाएं हो रही हैं, वहां के थानाध्यक्ष व जिले के एसपी से डीजीपी बात करें और अपराध पर लगाम लगाएं. उन्होंने कहा कि लोगों के मन में विश्वासजगा है कि वे सुरक्षित हैं. भय का वातावरण नहीं है, उसे टूटना नहीं चाहिए. कानून का ठीक ढंग से पालन होना चाहिए. किसी मामले के अनुसंधान में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं होना चाहिए.
ऐसे कर्तव्य पर सरकार का भी पूरा सहयोग मिलेगा और हस्तक्षेप नहीं रहेगा. कोई भी बाहरी दबाव हो या फिर अंदरूनी मोह-माया, उससे उबरना पड़ेगा. जो भी बदमाश लोग हैं, उन्हें ठीक करें. जो लोग गरमी झाड़ने की कोशिश करें, तो उन्हें ठंडा कर दीजिए. किसी को ठंडा करने का नुस्खा पुलिस-कर्मियों को अच्छी तरह पता है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम जो गवर्नेस की बात करते हैं, उसकी बुनियाद ही रूल ऑफ लॉ है. इसमें किसी प्रकार का समझौता नहीं होगा. कानून का सही ढंग से पालन करें. कानून-व्यवस्था सुधरने के कारण ही विकास हुआ है. जिस प्रकार अपराध पर काबू पाया गया है, इस पर हर हाल में नियंत्रण रहना चाहिए. इसके लिए थानेदार को ठीक होना होगा. जब थानेदार ठीक होंगे, तो उस क्षेत्र में आपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगेगा और जब जिले के एसपी ठीक होंगे, तो सभी थानेदार ठीक रहेंगे.
उन्होंने कहा कि गरमी के दिनों में अपराध का ग्राफ थोड़ा बढ़ जाता है. ऐसे में पुलिस को इस पर ज्यादा सजग होना चाहिए और नजर रखनी चाहिए. पुलिस की उपस्थिति दिखनी चाहिए. अगर पुलिस रात में राउंड लगाते हैं, तो लोगों को यह दिखता है और लगता है कि पुलिस सजग है. इसमें किसी प्रकार की कोई कोताही नहीं होनी चाहिए. सरकार पुलिसकर्मियों को सारे संसाधन दे रही है और देगी, लेकिन कानून-व्यवस्था से समझौता बरदाश्त नहीं करेगी.
बहाली में नहीं हो देरी
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस में नये लोगों की बहाली जरूरी है. बहाली प्रक्रिया निरंतर होनी चाहिए. राज्य सरकार ने इसके लिए सारी औपचारिकताएं अपनी ओर से पूरी कर ली हैं, लेकिन सलेक्शन तो पुलिस पदाधिकारियों को ही करना है. इसमें देरी नहीं होनी चाहिए. सरकार का लक्ष्य है कि इसमें राज्य राष्ट्रीय औसत तक पहुंचे. 40 से कम पुलिसकर्मी किसी भी थाने में नहीं रहें.
पुलिस एकेडमी ड्रीम प्रोजेक्ट
नीतीश कुमार ने कहा कि पटना में बन रही पुलिस एकेडमी मेरी ड्रीम प्रोजेक्ट है. इसके निर्माण में पुलिसकर्मियों से ज्यादा दिलचस्पी मुङो है. इसका निर्माण सेंट्रल एजेंसी कर रही है, लेकिन निर्धारित समयसीमा भी खत्म हो गयी है. ऐसे में केंद्र से मंत्री आते हैं और कई तरह के आंकड़े देते हैं. उनसे पूछना चाहिए कि पुलिस एकेडमी कब तक बन कर तैयार हो जायेगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस बैरक की स्थिति ठीक नहीं है. इसमें सुधार होना चाहिए. जिस प्रकार थाने की बिल्डिंग बन रही है, उसी तरह बैरक भी बनने चाहिए. पहले थानों की स्थिति ठीक नहीं थी, लेकिन सरकार ने उसे दुरुस्त कर दिया है और तीन श्रेणी में राशि दी जा रही है.
दी नसीहत
– जिस थाना क्षेत्र में अधिक आपराधिक घटनाएं हों, वहां के थानाध्यक्ष व जिले के एसपी से डीजीपी करें बात
– किसी मामले के अनुसंधान में भेदभाव नहीं हो
– बिना किसी दबाव व मोह-माया के करें काम, जो गरमी दिखाये, तो उसे करे ठंडा
– जब थानेदार ठीक होंगे, तो उस क्षेत्र में आपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगेगा और जब एसपी ठीक होंगे, तो सभी थानेदार ठीक रहेंगे
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