फिलहाल इस पर कितना अधिक खर्च आयेगा और इससे जुड़ी योजना को स्वीकृति प्रदान करने के लिए वित्त विभाग के पास फाइल आयी हुई है. वित्त विभाग इससे जुड़े तमाम पहलूओं पर मंथन कर रहा है. इसके बाद ही कोई अंतिम निर्णय लिया जायेगा. तमाम बातों पर विचार करने के बाद इस पर अंतिम स्वीकृति प्रदान करने के लिए कैबिनेट से इसे पास कराया जायेगा. योजना एवं विकास विभाग ने इससे संबंधित प्रस्ताव को वित्त विभाग के पास भेज दिया है.
इस योजना के तहत दो करोड़ से तीन करोड़ रुपये खर्च की सीमा बढ़ाने पर सरकार के खजाने पर करीब 237 करोड़ रुपये सालाना का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. गौरतलब है कि इससे पहले पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने अपने कार्यकाल में 18 फरवरी को हुई कैबिनेट की बैठक में आनन-फानन में इस प्रस्ताव को शामिल करके ‘अन्यान्य’ के रूप में पारित करवा दिया था.