आइजीआइएमएस में शुरू होगी पेडियाट्रिक व ओपन हार्ट सजर्री
पटना: इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आइजीआइएमएस) के कार्डियोलॉजी विभाग में तीन माह में पेडियाट्रिक व ओपेन हार्ट सजर्री शुरू होगी. इसको लेकर संस्थान के निदेशक ने एचओडी के साथ की. बैठक में छह अलग बेड की इमरजेंसी व 20 बेड का सीसीयू तैयार करने का निर्णय लिया गया है. इसके अलावे दो ओटी का निर्माण […]
पटना: इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आइजीआइएमएस) के कार्डियोलॉजी विभाग में तीन माह में पेडियाट्रिक व ओपेन हार्ट सजर्री शुरू होगी. इसको लेकर संस्थान के निदेशक ने एचओडी के साथ की. बैठक में छह अलग बेड की इमरजेंसी व 20 बेड का सीसीयू तैयार करने का निर्णय लिया गया है.
इसके अलावे दो ओटी का निर्माण हो रहा है और अभी एक ओटी काम कर रहा है. मरीजों को एक ही छत के नीचे संपूर्ण सुविधा देने के लिए परिसर में अत्याधुनिक कैथ लैब लगाया गया है. मरीजों की जांच मुफ्त में कम कीमत में कराने की व्यवस्था की गयी है. साथ ही पेस मेकर, एंजियोग्राफी व एंजियोप्लिास्टि कराने वाले मरीजों का इलाज भी कम कीमत में होगा. ओटी को अत्याधुनिक मशीनों से लैस किया गया है. इसके बाद ऑपरेशन के बाद मरीजों में जीरो प्रतिशत इन्फेक्शन का खतरा रहेगा. इस कारण मरीजों को किसी तरह की परेशानी नहीं होगी. ओटी को तैयार करने के लिए देश व विदेश के प्रसिद्ध हृदय रोग संस्थानों से राय भी ली जा रही है.
बनी मॉनीटरिंग सेल
मॉनीटरिंग सेल बनाया गया है. सेल का गठन ओपीडी में इलाज कराने आये मरीज के परिजनों की शिकायत पर की गयी है. परिजनों ने शिकायत की है कि ओपीडी में लोग लाइन तोड़ कर आगे दिखा कर चले जाते हैं. वहीं वार्ड में भी भरती मरीजों ने शिकायत की थी कि उन्हें इलाज के दौरान परेशानी होती है. जब अस्पताल अपने पूर्ण स्वरूप में आ जायेगा, तो सेल का अधिकार क्षेत्र और बढ़ जायेगा.
कार्डियोलॉजी विभाग में कैथ लैब लगने से मरीजों को राहत है. जिस काम के लिए मरीजों को दूसरे संस्थान में भेजना पड़ता था अब इसकी जरूरत नहीं है. अगले तीन माह में परिसर में पेडियाट्रिक सजर्री व ओपन हार्ट सजर्री शुरू होगी. इसको लेकर निदेशक के साथ बैठक हुई है और उन्होंने उपकरण खरीद के लिए टेंडर करने की प्रक्रिया शुरू भी कर दी है.
डॉ बीपी सिंह,एचओडी, कार्डियोलॉजी विभाग
बच्चे व बुजुर्ग दोनों तरह के हृदय रोगियों का संपूर्ण इलाज संस्थान में हो, इसके लिए काम हो रहा है. अगले तीन माह में दोनों सजर्री शुरू हो जायेगी.
डॉ एन.आर.विश्वास, संस्थान निदेशक