जिज्ञासा कहेगा बदलते बिहार की कहानी

शोध के लिए लोगों से मांगे आवेदनसंवाददाता,पटना राज्य की भावी प्रगति और सरकार के प्रयासों से हुए सामाजिक व आर्थिक बदलाव की कहानी जिज्ञासा कहेगा. जिज्ञासा राष्ट्रीय स्तर का एक शोध कार्यक्रम है . इसके जरिये राज्य सरकार बिहार के विकास की यात्रा पर शोध करवाना चाहती है. शोध पत्रों को लिखने का आमंत्रण 12 […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 17, 2015 11:05 PM

शोध के लिए लोगों से मांगे आवेदनसंवाददाता,पटना राज्य की भावी प्रगति और सरकार के प्रयासों से हुए सामाजिक व आर्थिक बदलाव की कहानी जिज्ञासा कहेगा. जिज्ञासा राष्ट्रीय स्तर का एक शोध कार्यक्रम है . इसके जरिये राज्य सरकार बिहार के विकास की यात्रा पर शोध करवाना चाहती है. शोध पत्रों को लिखने का आमंत्रण 12 जून से ही भेजा जा रहा है. प्रतिभागी ऑनलाइन पांच जुलाई तक अपने शोध प्रस्तावों को रजिस्टर करा सकते हैं. राज्य सरकार ने जनआकंाक्षाओं से निर्मित बिहार@ 2025 विजन डॉक्यूमेंट लिखने का लक्ष्य रखा है. इस पूरा करने के लिए सरकार ने ‘ बढ़ चला बिहार ‘ महाअभियान की शुरुआत की है. सूचना व जनसंपर्क विभाग दस हजार से अधिक सरकारी कर्मचारियों और सिविल सोसायटी के सदस्यों के साथ अगले आठ से दस हप्तों में पारंपरिक व नयी मीडिया के जरिए 40 हजार बहुस्तरीय कार्यक्रम के जरिये चार करोड़ लोगों तक पहुंचने का लक्ष्य रखा है. सूबे के जनता इसके जरिए अपनी इच्छा व आकांक्षा को राज्य नेतृत्व से जुड़ते हुए साक्षा करेगी. जिज्ञासा कार्यक्रम इनके आदान- प्रदान के लिए शोध और वैज्ञानिक पद्धति को आधार देगी. जिज्ञासा ऑन लाइन प्रतिस्पर्धा के जरिए पूरे देश में करीब 35 लाख शिक्षक छात्र, शोधार्थी व विशेषज्ञों तक पहुंच बना रहा है. शोध प्रस्ताव आने के बाद शोध पत्रों का चयन होगा और चुने हुए पांच शोधार्थी को विस्तृत शोधपत्र लिखने के लिए फील्ड रिसर्च करने का अवसर मिलेगा. सभी टीम तीन लाख रुपये तक पुरस्कार जीत सकती हैं. इनके शोध पत्रों को सरकार प्रकाशित भी करेगी. प्रथम स्थान पर आनेवाली टीम को मुख्यमंत्री कार्यालय से फेलोशिप भी मिलेगा.

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