पटना:पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के नजदीक आने के साथ ही सभी पार्टियां चुनावी मोड में आ गयी हैं. चुनावी मौसम में सभी दलों की ओर से एक दूसरे पर जमकर बयानबाजी भी तेज हो गयी है. सीएम प्रत्याशी के नाम की घोषणा न किये जाने को लेकर भाजपा पर तमाम पार्टियां लगातार निशाना साध रही हैं. इन सबके बीच आइपीएल के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की ओर से उपलब्ध करायी गयी मदद मामले के तूल पकड़ने से भाजपा की मुश्किलें और बढ़ गयीं है. बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उपजे इस विवाद ने भाजपा के विरोधियों को एक और हथियार दे दिया है और वे भाजपा पर लगातार चौतरफा हमले कर रहे हैं. सूत्रों की मानें, तो इस मामले के लंबा खींचने की सूरत में बिहार चुनाव में पार्टी के लिए मुश्किलें बढ़ जायेंगी.
भगोड़े की मदद को आगे आये मंत्री व पीएम: नीतीश
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूर्व आइपीएल प्रमुख ललित मोदी प्रकरण में भाजपा को घेरते हुए कहा कि केंद्र में यह कैसा राज है, जहां एक भगोड़े आर्थिक अपराधी की मदद के लिए मंत्री और प्रधानमंत्री तक आगे आ रहे हैं. नीतीश कुमार ने बुधवार को पटना स्थित अपने सरकारी आवास पर नालंदा और पटना जिलों के जदयू पदाधिकारियों की बैठक में कहा कि 10 वर्षो के शासन में मेरे द्वारा न किसी अपराधी की पैरवी की गई और न ही किसी को फंसाया गया.
भाजपा के पास सीएम लायक नहीं कोई चेहरा: लालू
भाजपा की ओर से सीएम पद के लिए प्रत्याशी के नाम पर अनिर्णय की स्थिति पर तंज कसते हुए राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद ने बुधवार को कहा कि दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा करने वाले दल के पास बिहार में एक चेहरा भी नहीं है, जिसके नाम पर वह चुनाव लड़ सके. लालू ने ट्वीट के जरिए भाजपा पर हमला बोला और कहा कि कितनी जिल्लत की बात है कि विश्व की सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा करने वाली दल के पास बिहार में एक चेहरा भी नहीं है, जिसके नाम पर वह चुनाव लड़ सके.
भाजपा में सीएम प्रत्याशी के चेहरे
बिहार चुनाव में राजद-जेडीयू के गठबंधन के बाद नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर मोहर लगने के साथ ही सीएम प्रत्याशी के नाम की घोषणा को लेकर भाजपा लगातार दबाव में है. बिहार भाजपा में सबसे बड़ा चेहरा सुशील कुमार मोदी को माना जाता है पूर्व में वह नीतीश सरकार में उप मुख्यमंत्री का पद भी संभाल चुके हैं, ऐसे में उन्हें ही संभावित मुख्यमंत्रियों की सूची में उनका नाम भी शामिल किया जा सकता है. हालांकि इसके अलावा केन्द्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी, रविशंकर प्रसाद और शाहनवाज हुसैन जैसे बड़े चेहरों पर भी विचार किया जा सकता है. जानकारों की मानें तो दिल्ली में भाजपा ने किरण बेदी को सीएम के तौर पर प्रोजक्ट किया था और वहां पार्टी को हार का सामना करना पड़ा. जबकि झारखंड में चुनाव में सफलता मिलने के बाद मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा की गई. इसी कारण बिहार में सीएम प्रत्याशी के नाम की घोषणा से भाजपा बचती दिख रही है. हालांकि इसका असर आने वाले बिहार चुनाव पर कितना पड़ेगा यह वक्त ही बतायेगा.