उजड़ गया परिवार, मचा कोहराम
जीरो माइल हादसा पटना सिटी : .. टरकबा कुचल देलकउ रे, फोर लेन के निर्माण में लगे श्रमिकों के शोर के बीच नींद में जागे लोग जिस अवस्था में थे, उसी अवस्था में घटनास्थल की ओर दौड़े. जहां खून से लथपथ तीनों शव के चेहरे विकृत हो गये थे. दरअसल ट्रांसपोर्ट नगर गेट संख्या दो […]
जीरो माइल हादसा
पटना सिटी : .. टरकबा कुचल देलकउ रे, फोर लेन के निर्माण में लगे श्रमिकों के शोर के बीच नींद में जागे लोग जिस अवस्था में थे, उसी अवस्था में घटनास्थल की ओर दौड़े. जहां खून से लथपथ तीनों शव के चेहरे विकृत हो गये थे. दरअसल ट्रांसपोर्ट नगर गेट संख्या दो के पास सड़क किनारे दर्जनों श्रमिक सोये थे. गरमी में गोदामों व माल ढुलाई करनेवाले ज्यादातर श्रमिक सड़क किनारे ही सोते हैं.
इस घटना के बाद मचे शोर के बीच तीनों की मौत की खबर फैल गयी. प्रत्यदर्शियों ने बताया कि बालू -गिट्टी गिराने के दरम्यान ही यह हादसा हुआ. चालक द्वारा हाइवा ट्रक को पीछे करने के क्रम में तीनों पर चढ़ गया, जिससे तीनों की मौत घटना स्थल पर हो गयी.
साल भर पहले हुई थी मुन्ना की पत्नी की मौत : परिजनों व मुहल्ले के लोगों ने बताया कि महज एक साल पहले ही मुन्ना के पत्नी की मौत हुई थी. पत्नी की मौत से उबरने के बाद काम धंधा में लग मुन्ना आगे बढ़ कुछ कर पता, इससे पहले ही काल ने उसे भी अपना निशाना बना लिया. घटना में मरे खलासी विनोद की शादी अभी तक नहीं हुई थी. हालांकि, विनोद की शादी हो, इसके लिए तिरसिया दियारा वैशाली स्थित गांव में परिवार वाले लड़की पक्ष से बातचीत कर रहे थे.
ट्रक से कुचल तीन लोगों की मौत के बाद मालसलामी थाना के शरीफागंज नुरपूर मुहल्ला में मातम पसर गया था. मनहूस खबर से ही शुक्रवार की सुबह मुहल्ले के लोगों की आरंभ हुई. सूचना पाकर कुछ लोग पोस्टमार्टम कक्ष नालंदा मेडिकल कॉलेज पहुंच गये. मुहल्ले मे फैले सन्नाटा व परिवार के सदस्यों में खामोशी छायी है. इस दरम्यान घर पर मुहल्ले व रिश्तेदारों की टोली पहुंची थी. परिवार में छायी मायूसी के बीच किसी को कुछ समझ में नहीं आ रहा कि क्या हो गया. दोस्तों, परिचितों व परिजनों की भीड़ घर पर जुटी थी. असमय मौत से हर किसी की आंखें नम थी.
ट्रक ने रौंदा सपनों को,खुशियों पर लगा ग्रहण
पटना सिटी : दो वर्षो से फोर लेन पर मिट्टी भराई का काम करनेवाले अशोक के बच्चों का सपना ट्रक ने रौंद दिया. अशोक के भाई भोला ने बताया कि भाई की इच्छा थी कि दोनों बेटों सात वर्ष के सुमित व पांच वर्ष के स्मित को पढ़ा- लिखा कर इंजीनियर व डॉक्टर बनाये, इसके लिए दिन रात मेहनत करता था, लेकिन ट्रक ने अशोक के सपनों को रौंद दिया.