प्रेम कुमार पटना में पांचवा रैंक

लाइफ रिपोर्टर@पटनाप्रेम कुमारपांचवां रैंकदयानंद विद्यालय मीठापुर, पटनाअंक – 427पढ़ाई करना कोई भार नहीं होता. अगर मन लगा कर पढ़े, तो पढ़ाई के दौरान समय का पता नहीं चलता है. यह कहना है बिहार बोर्ड में पटना से पांचवा रैंक लाने वाले प्रेम कुमार का. प्रेम न्यू बिग्रहपुर में किराये के मकान में रहते हैं. प्रेम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 20, 2015 10:05 PM

लाइफ रिपोर्टर@पटनाप्रेम कुमारपांचवां रैंकदयानंद विद्यालय मीठापुर, पटनाअंक – 427पढ़ाई करना कोई भार नहीं होता. अगर मन लगा कर पढ़े, तो पढ़ाई के दौरान समय का पता नहीं चलता है. यह कहना है बिहार बोर्ड में पटना से पांचवा रैंक लाने वाले प्रेम कुमार का. प्रेम न्यू बिग्रहपुर में किराये के मकान में रहते हैं. प्रेम भले ही साधारण लिबाज में स्कूल कोचिंग जाता है, लेकिन उसके हौसले के आगे सबकुछ फेल है. उसकी काबलियत को हर कोई सराह रहा. शायद यही वजह है कि बिहार बोर्ड के रिजल्ट निकलते प्रेम के पास बधाई देने वालों का तांता लगा रहा. 85.4 प्रतिशत मार्क्स लाने ला कर प्रेम ने मां-बाप का मान रख लिया. इस बारे में प्रेम कहते हैं कि मैं बचपन से सेल्फ स्टडी करता हूं. अपने क्लास के एनुअल एग्जाम में भी हमेशा फर्स्ट आता था. मुझे पूरा विश्वास था कि मैं अच्छा नंबर लाऊंगा. माता-पिता का बहुत ज्यादा सपोर्ट मिला है. पापा भले ही टाइल्स माबर्ल फिट करने के मिस्त्री हैं, लेकिन पढ़ाई करने से कभी मना नहीं किये. आगे इससे भी अच्छा नंबर लाना चाहता हूं. मुझे आइआइटी निकाल कर सॉफ्ट वेयर इंजीनियर बनना है. बेटे की खुशी को देखते हुए पिता भूवनेश्वर पंडित कहते हैं कि मैं बहुत खुश हूं. बेटा पहले प्राइवेट स्कूल में पढ़ता था इसके बाद पांचवी क्लास के बाद उसे सरकारी स्कूल में डाल दिया, लेकिन उसकी पढ़ाई में कोई कमी नहीं हुई. मैं, अपने तरफ से पूरी कोशिश करता हूं कि मेरा बेटा पढ़ाई में सबसे आगे रहे, ताकि उसे जिंदगी में टाइल्स मिस्त्री बनने की नौबत न हो.

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