रमजान में बंदों पर होती है रहमतों की बारिश
फुलवारीशरीफ: पाक रमजान में अल्लाह अपने बंदों पर रहममतों का खजाना लुटाता है और भूखे-प्यासे रह कर खुदा की इबादत करनेवालों के गुनाह माफ हो जाते हैं. इस माह में दोजख (नरक) के दरवाजे बंद कर दिये जाते हैं और जन्नत की राह खुल जाती है. रोजा रखनेवालों को हर गलत कामों से दूर रहना […]
रमजान का महीना सयंम और समर्पण के साथ खुदा की इबादत का महीना माना जाता है . इस माह में आदमी व औरत अपनी ख्वाहिशों को काबू में रखते हैं . रोजेदार शारीरिक और मानिसक दोनों रूप से अपने को नियंत्रित रखते हैं ताकि अल्लाह को खुश कर सकें. साल के बारह महीनों में रमजान का महीना मुसलमानों के लिए खास मायने रखता है . रमजान के महीने में की गयी खुदा की इबादत बहुत असरदार होती है. इसमें खान-पान सहित अन्य दुनियादारी की आदतों पर संयम रखना होता है .
अगर सयंम नहीं रखा जाये, तो रोजा टूट जाता है. इस महीने में रोजेदार अपने शरीर को हर तरह से वश में रखते हैं साथ ही तरावी और नमाज पढ़ने से बार-बार अल्लाह का जिक्र होता रहता है, जिससे रोजेदार की रूह पाक-साफ रहती है. इसी पाक महीने में अपनी गलतियों के लिए तोबा करने व अच्छाइयों के बदले बरकत पाने का सुनहरा मौका मिलता है. इस महीने में जकात देने से रोजेदार को अपनी बुराइयों से दूर होने की ताकत मिलती है.