राज्य की निचली अदालतों में रिक्त पड़े हैं जजों के 483 पद

बिहार की निचली अदालतों में मुकदमों की संख्या तेजी से बढ़ रही है.नतीजतन जजों पर इसका बोझ बढ़ रहा है. न्याय के लिए लाेगों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 19, 2024 11:33 PM

संवाददाता, पटना बिहार की निचली अदालतों में मुकदमों की संख्या तेजी से बढ़ रही है.नतीजतन जजों पर इसका बोझ बढ़ रहा है. न्याय के लिए लाेगों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. राज्य में निचली अदालतों के लिए जजों का कुल 483 पद रिक्त हैं. वहीं, निचली अदालतों के लिए जजों का कुल स्वीकृत पद 2019 हैं. वर्तमान में 1536 जज ही कार्यरत हैं.वहीं,राज्य के जिला और अधीनस्थ अदालतों में 36 लाख से अधिक मामले लंबित हैं. पिछले एक साल में लंबित मुकदमों की संख्या में करीब एक लाख की बढ़ोतरी हुई है. जजों की संख्या के हिसाब से यह आंकड़ा बहुत अधिक है. राज्य की जिला और अधीनस्थ अदालतों में 36 लाख से अधिक मामले लंबित हैं और कार्यरत जजों की संख्या 1536 है. इस तरह प्रति जज 2344 मुकदमे आते हैं. इस स्थिति में लोगों को न्याय के लिए लंबा इंतजार करना होगा. पटना उच्च न्यायालय के लिए जजों के कुल स्वीकृत पद 53 हैं. इनमें 40 जजों के पद स्थाई और 13 एडिशनल हैं.पटना हाइकोर्ट में अभी 35 जज ही कार्यरत हैं.इस तरह पटना हाइकोर्ट में कुल 18 जजों के पद रिक्त हैं.इसमें पांच स्थाई और 13 एडिशनल जजों के पद हैं.पटना हाइकोर्ट में यह स्थिति तब है जब पिछले साल दो और इस साल दो नये जज मिले हैं.

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