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मोदी की किताब का विमोचन आज

पटना: पूर्व उप मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी की किताब ‘ बीच समर में ’ का विमोचन शुक्रवार को पटना में होगा. स्थानीय विद्यापति भवन में आयोजित विमोचन समारोह में केंद्र सरकार के पांच मंत्री मौजूद रहेंगे. इस समारोह में बिहार चुनाव प्रभारी और केंद्रीय रसायन व उर्वरक मंत्री अनंत कुमार, […]

पटना: पूर्व उप मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी की किताब ‘ बीच समर में ’ का विमोचन शुक्रवार को पटना में होगा. स्थानीय विद्यापति भवन में आयोजित विमोचन समारोह में केंद्र सरकार के पांच मंत्री मौजूद रहेंगे. इस समारोह में बिहार चुनाव प्रभारी और केंद्रीय रसायन व उर्वरक मंत्री अनंत कुमार, केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह केंद्रीय आइटी और संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद, केंद्रीय बिजली मंत्री पीयूष गोयल और कौशल विकास राज्य मंत्री राजीव प्रताप रूडी उपस्थित होंगे.
समारोह का मुख्य अतिथि विधानसभा में विपक्ष के नेता नंदकिशोर यादव और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय को बनाया गया है. भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष संजय मयूख और विधान पार्षद सूरजनंदन कुशवाहा ने बताया कि केंद्रीय मंत्री गण शुक्रवार के सुबह इंडियन एयर लाइंस के विमान से सुबह आठ बजे पटना पहुंचेंगे. उन्होंने बताया कि बिहार प्रभारी अनंत कुमार और रविशंकर प्रसाद पटना हवाई अड्डा से सीधे कदमकुंआ स्थित जेपी निवास जायेंगे. जहां जेपी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम में शामिल होंगे.

छात्र आंदोलन के नेता रहे सुशील कुमार मोदी आपातकाल के दौरान 19 महीने जेल में रहे. उस दौरान लिखी गयी डायरी के पन्नों को सहेज कर रखा और उसे किताब का आकार दिया है. प्रभात प्रकाशन द्बारा प्रकाशित इस पुस्तक की कीमत चार सौ रुपये रखी गयी है. सुशील कुमार मोदी बिहार की राजनीति में 1974 के छात्र आंदोलन से उभरे नेताओं की पौध की अगली कतार में शामिल रहे हैं. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता के रूप में सार्वजनिक जीवन आरंभ करने वाले सुशील मोदी 2005 में बिहार में बनी एनडीए सरकार में उप मुख्यमंत्री भी रहे.इसकी भूमिका अरुण जेटली ने लिखी है.

क्या है किताब में
आपात काल की जेल डायरी, पूर्व में प्रकाशित लेख और विधानसभा में दिये गये भाषणों का संकलन है. किताब के अस्सी पन्नों में जेल डायरी लिखी गयी है. यह इमरजेंसी के बारे में प्रामाणिक दस्तावेज साबित होगा. पुस्तक में बताया गया है कि आपातकाल क्या था. इस दौरान क्या-क्या हुआ. इसमें जेल में मिली यातना, लिखे गये पत्रों का उल्लेख है. राबड़ी देवी के शासन काल में विधानसभा में जंगलराज कहे जाने संबंधी भाषण, लालू प्रसाद का शासन काल के बारे में जानकारी और झारखंड के अलग होने के समय बिहार विधानसभा में दिया गया भाषण जिसमें कहा था कि यह विभाजन बिहार के लिए वरदान साबित होगा, की चर्चा है. चारा और अलकतरा घोटाले की परत दर परत कहानी. मंडल कमीशन और आरक्षण को लेकर उनके लेख, उर्दू को दूसरी राजभाषा बनाने के दिनों की चर्चा भी इस किताब में अंकित है. इसके अतिरिक्त आसाम आंदोलन, विवाह के मौके पर अटल बिहारी बाजपेयी का आना और उनका संबोधन, जरनैल सिंह भिंडरवाला से मुलाकात और मौन तोड़ने का अनुरोध करने गये विनोबा भावे के आश्रम में गुजारे वक्त का बड़ा ही मार्मिक और रोचक वर्णन है.

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