न बचाता हूं और न फंसाता हूं : नीतीश

अनंत पर दो टूक : जो जैसा करेगा, कानून निबटेगा मैं किसी के दबाव में नहीं आता हूं पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जदयू विधायक अनंत कुमार सिंह को लेकर सरकार का फैसला किसी दबाव में नहीं किया गया है. मोकामा के विधायक अनंत सिंह की गिरफ्तारी के दो दिन बाद शुक्रवार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 27, 2015 6:23 AM
अनंत पर दो टूक : जो जैसा करेगा, कानून निबटेगा
मैं किसी के दबाव में नहीं आता हूं
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जदयू विधायक अनंत कुमार सिंह को लेकर सरकार का फैसला किसी दबाव में नहीं किया गया है. मोकामा के विधायक अनंत सिंह की गिरफ्तारी के दो दिन बाद शुक्रवार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए दो टूक कहा कि कानून सभी के लिए एक समान है. हमारी सरकार न तो किसी को फंसाती है और न ही किसी को बचाती है. जो जैसा करेगा, कानून उसी आधार पर अपना काम करेगा.
कैबिनेट की बैठक के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि बिहार की जनता ने 2005 से ही विश्वास जताया है. उस समय से बिहार में कानून का राज स्थापित कर रहे हैं और न्याय के साथ विकास के रास्ते पर चल रहे हैं. क्या राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के दबाव में यह निर्णय लिया गया, इस सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं किसी के दबाव में नहीं आता हूं.
इसके लिए किसी को चिंता करने की जरूरत नहीं है. जब तक हूं, बिना किसी भेदभाव के काम करता रहूंगा और बिहार में कानून का राज रहेगा. उन्होंने कहा कि जो लोग इस तरह का आरोप लगाते हैं, उस पर मैं ध्यान नहीं देता हूं. मैं काम करने में विश्वास करता हूं. इसमें कोई भेदभाव नहीं करता हूं.
न तो सामाजिक भेदभाव करता हूं और न ही इलाके से भेदभाव करता हूं. जो कुछ होगा कानून के आधार पर होगा और कानून अपना काम कर रहा है. विधायक अनंत सिंह पर चुनाव के पूर्व कार्रवाई के सवाल पर सीएम ने कहा कि जब मामला सामने आयेगा, उसी समय कार्रवाई होगी. अब जब चुनाव के समय घटना हो रही है, तो कार्रवाई भी तो अभी ही होगी.
रामविलास पासवान पर भी निशाना
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का नाम लिये बगैर निशाना साधा. कहा कि एक नेता हैं. आजकल बहुत बोल रहे हैं. जब वे पाकिस्तान गये थे, तो वहां के तत्कालीन राष्ट्रपति परेवज मुशर्रफ को अपना परिचय दिया था कि वे वहीं हैं, जिन्होंने 2002 के गोधरा कांड के बाद केंद्र सरकार के इस्तीफा दे दिया था.
लेकिन, असल में तो था कि उनका मंत्रलय बदल दिया गया था, जिससे नाराज होकर उन्होंने इस्तीफा दिया था. सीएम ने कहा कि एक तो मर्यादा तोड़ कर गये थे और देश के आंतरिक मामलों की चर्चा दूसरे देश में कर रहे थे, जो सही नहीं था. आज जब उसी सरकार के साथ में हैं, तो समझ रहे हैं कि सब कुछ पा लिया है.
आडवाणी, यशवंत सिन्हा से सीख लें भाजपा नेता
मुख्यमंत्री ने ललित मोदी प्रकरण में भाजपा पर निशाना साधा और भाजपा नेताओं को अपने वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, यशवंत सिन्हा से सीख लेने की नसीहत दी. उन्होंने कहा कि आडवाणी, सिन्हा, शरद यादव ने हवाला में मात्र नाम आने पर इस्तीफा दे दिया था, लेकिन वर्तमान में केंद्र सरकार के लोगों के क्या-क्या मामले सामने आ रहे हैं और क्या हो रहा है, सबके सामने है.
उन्होंने कहा कि भाजपा को कानून के बारे में बोलने का राजनीतिक व नैतिक अधिकार नहीं है. वे लोग अपनों को बचा रहे हैं और नैतिकता की बात कर रहे हैं. अलग-अलग मामलों में वे अलग-अलग नजरिया रखते हैं.अपने लोगों की गरदन फंसेगी, तो बचायेंगे और उन्हें एक आधार देंगे. वे बार-बार कहते हैं कि बिहार में जंगलराज आ रहा है. 2002 में गुजरात में कौन-सा मंगल राज था? भाजपा में जो आदर्श पेश करते थे, उन्हें कोल्डस्टोरेज में डाल दिया गया है. आडवाणी की कौन सुनता है? उन्होंने कह दिया है कि ऐसा नहीं कहा जा सकता कि देश में आपातकाल नहीं लग सकता है.

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