संवाददाता, पटनाकेंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा है कि जनता को गुमराह करनेवाली राज्य सरकारों की यदि प्रतियोगिता हो, तो नीतीश सरकार पहले स्थान पर होगी. राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय को योजना आयोग ने 2009 में ही केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दे दिया था. मांझी के मुख्यमंत्री से हटने के बाद नीतीश कुमार की भूमिका इसमें सकारात्मक नहीं रही. उनकी वजह से इस योजना के कार्यान्वयन में देरी हो रही है. बिहार के कृषि मंत्री को नसीहत दी कि उन्हें अपने मंत्रालय की फाइल भी पढ़नी चाहिए. मांझी के मुख्यमंत्री बनने के पहले नीतीश कुमार कहते थे कि राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय में लगभग 200 मुकदमे चल रहे हंै, हम लोग कृषि विश्वविद्यालय के मुकदमे लडं़ेगे या पढ़ायेंगे. सिंह ने कहा कि आज की सरकार यह बताये अपने अहंकार के कारण पांच वर्षों तक बिहार का नुकसान क्यों किया. राज्य सरकार बताये कि मांझी ने जनवरी, 2015 में समझौता किया, वह गलत था या सही. जहां तक भारत सरकार का सवाल है जनवरी, 2015 में समझौता हुआ, मार्च में पूसा कृषि विश्वविद्यालय से लागत खर्च का प्राक्कलन प्राप्त हुआ है. भारत सरकार में विभिन्न प्रकियाओं से गुजरकर अगले सत्र में यह उपहार बिहार की जनता को मिलेगा. इस काम में छह वर्ष लगे, इसके लिए जिम्मेवार कौन है. बिहार की सरकार ने पांच कॉलेज खोले हैं, कॉलेज खोलना राज्य सरकार का दायित्व है. भारत सरकार यदि पूसा में केंद्रीय विश्वविद्यालय के साथ चार और महाविद्यालय खोलने का प्रस्ताव किया है और इसके लिए चार स्थानों पर 75-75 एकड़ जमीन मागी है तो बिहार सरकार क्यों नहीं दे रही है. देश का दूसरा केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय बिहार में खोलने की प्रक्रिया तेज है.
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आहट ::जनता को गुमराह करने में नीतीश सरकार अव्वल : राधामोहन
संवाददाता, पटनाकेंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा है कि जनता को गुमराह करनेवाली राज्य सरकारों की यदि प्रतियोगिता हो, तो नीतीश सरकार पहले स्थान पर होगी. राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय को योजना आयोग ने 2009 में ही केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दे दिया था. मांझी के मुख्यमंत्री से हटने के बाद नीतीश कुमार की भूमिका […]
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