सीएम ने बच्ची की मौत पर जताया दुख

पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फुलवारीशरीफ में बोरवेल से जिंदा निकाली गयी बच्ची की पीएमसीएच में इलाज के दौरान हुई मौत पर दुख व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि प्रशासन ने पूरी कोशिश की,लेकिन बच्ची नहीं बचायी जा सकी. एसडीआरएफ की टीम की मुस्तैदी व तत्परता को सराहा. मुख्यमंत्री ने बच्ची को सुरक्षित निकालने के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 29, 2015 7:21 AM

पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फुलवारीशरीफ में बोरवेल से जिंदा निकाली गयी बच्ची की पीएमसीएच में इलाज के दौरान हुई मौत पर दुख व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि प्रशासन ने पूरी कोशिश की,लेकिन बच्ची नहीं बचायी जा सकी. एसडीआरएफ की टीम की मुस्तैदी व तत्परता को सराहा. मुख्यमंत्री ने बच्ची को सुरक्षित निकालने के लिए आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव व्यास जी को सुरक्षा के व्यापक इंतजाम करने के लिए कहा था.

दो माह बाद शुक्रवार को ही गांव से लौटा था परिवार
मासूम बबीता के पिता जितेंद्र पासवान मित्रमंडल कॉलोनी में ब्रजनंदन प्रसाद के मकान में किराये पर रहते हैं. वह हाजीपुर स्थित जंदाहा के मूल निवासी हैं और पटना में मजदूरी कर परिवार चलाते हैं. 8.30 बजे उनके घर से निकलते ही बच्चे बाहर खेलने निकल गये और दुर्घटना के शिकार हो गये. खास बात है कि दो महीने के बाद शुक्रवार को ही जितेंद्र पासवान और उनका परिवार गांव से वापस फुलवारी लौटा था.
इकलौती बेटी का शव देख फटा मां का कलेजा
इकलौती बेटी बबिता के शव देखते ही मां मीरा देवी का कलेजा फट पड़ा. पिता जितेंद्र पासवान पछाड़ खाकर गिर पड़े. बबीता के दोनों भाई अंकज व पंकज अपने मां व पिता से लिपट रोये जा रहे थे. उन्हें अब अहसास हो चला था की उसकी बहन अब कभी उनके साथ खेलने नहीं आयेगी. मां मीरा होश में आते ही कभी अपनी लाडली इकलौती बेटी बबीता के शव निहारती, उसे चूमती तो कभी अपने दोनों बेटों को सीने से चिपका कर चीत्कार कर उठती. हाथ में एक प्लास्टिक की चम्मच लिये बड़ा भाई अंकज रोते हुए बताता है कि इसी चम्मच से बबीता बालू में खेल रही थी.
लोकल स्तर पर लोगों ने गड्ढा खोदने में काफी मदद की. बारिश के चलते बच्ची के गिरने के बाद बोरवेल के गड्ढे में काफी मिट्टी भी गिर गयी थी. इसके चलते ऑक्सीजन पाइप अंदर पहुंचाना संभव नहीं हो पा रहा था. एसडीआरएफ इस तरह के घटनाओं से निबटने में सक्षम होती है, इसलिए इसकी टुकड़ी को बिहटा से बुलाया गया. वैसे एसडीआरएफ की एक टुकड़ी कंट्रोल रूम में भी तैनात रहती है.

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