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28 जुलाई तक एनएच 28 बन कर हो जाये तैयार , नहीं तो होगी कार्रवाई

पटना हाइकोर्ट ने दिया एनएचआइ को टास्कसरकार ने कहा, सुलझ गया है मामला, वकास भूमि को रैयती भूमि में किया बदलावविधि संवाददाता, पटना पटना से बख्तियारपुर जानेवाली नेशनल हाइवे संख्या 28 पर वकास भूमि के विवादित मामले को सुलझा लिया गया है. राज्य सरकार और एनएचएआइ ने पटना उच्च न्यायालय को यह भरोसा दिलाया है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 29, 2015 11:06 PM

पटना हाइकोर्ट ने दिया एनएचआइ को टास्कसरकार ने कहा, सुलझ गया है मामला, वकास भूमि को रैयती भूमि में किया बदलावविधि संवाददाता, पटना पटना से बख्तियारपुर जानेवाली नेशनल हाइवे संख्या 28 पर वकास भूमि के विवादित मामले को सुलझा लिया गया है. राज्य सरकार और एनएचएआइ ने पटना उच्च न्यायालय को यह भरोसा दिलाया है. एनएचएआइ ने कहा कि मुआवजे को लेकर कोई पैसे का संकट नहीं है. 90 करोड़ रुपये मुआवजा मद में रखे हुए हैं, जबकि राज्य सरकार ने कहा कि वकास भूमि को रैयती भूमि में बदल दिया गया है. सरकार और एनएचएआइ के इस हलफनामे के बाद मुख्य न्यायाधीश एल नरसिम्हा रेडी और न्यायाधीश सुधीर सिंह की खंडपीठ ने एक सप्ताह के भीतर काम आरंभ करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने कहा कि हर हाल में 28 जुलाई तक इस सड़क का निर्माण कार्य पूरा हो जाना चाहिए. कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि कोर्ट का आदेश पूरा नहीं हुआ तो जिम्मेवार अधिकारी पर कार्रवाई होगी और उन्हें जेल भी जाना पड़ सकता है. दरअसल दीदारगंज के निकट करीब तीन सौ मीटर मुख्य सड़क के एक भाग पर मुआवजा नहीं मिलने पर नाराज किसानों ने केले का पेड़ लगा दिया था. स्पीड ब्रेकर पर सरकार के हलफनामे को देख इस रास्ते गुजर रहे मुख्य न्यायाधीश ने इसे देख जानकारी ली, तो मालूम चला कि सरकार ने इस जगह को वकास भूमि बता मुआवजे की राशि नहीं दी है. चार सप्ताह बाद इस मामले की पुन: सुनवाई होगी. इस दौरान सरकार ने कोर्ट को बताया कि अधिकतर स्पीड ब्रेकर को हटा दिया गया है. सिर्फ उन्हीं स्पीड ब्रेकर को रहने दिया गया है, जहां मानक के अनुसार रहना अनिवार्य है.

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