मेरी मंशा कहीं से शारीरिक क्षति पहुंचाने का नहीं है. मैं उस चरित्र का हूं भी नहीं. मैंने नीतीश कुमार के साथ 14 साल तक काम किया है. मुख्यमंत्री मुङो बखूबी जानते हैं और मैं भी उन्हें संपूर्ण रूप से जानता हूं. वह क्या हैं? वे कितने मर्यादित हैं, यह मुझसे ज्यादा किसे पता है. इसलिए वह मुङो मर्यादा की पाठ नहीं पढ़ाएं. उन्होंने कहा कि मैं अनंत सिंह का न पक्षधर हूं, न विरोधी, पर अनंत सिंह के नाम पर पूरी जाति को प्रताड़ित करने का अवश्य ही विरोध करता हूं. यह विरोध आगे भी करता रहूंगा.
उन्होंने कहा कि 2005 और 2010 में जब अनंत सिंह को जदयू का उम्मीदवार बनाया गया था, तब क्या वे संत थे? किसने इतने वर्षो तक अनंत सिंह को संरक्षण दिया? हमने या नीतीश कुमार ने? आज जब लालू जी से गंठजोड़ हुआ है] तो नीतीश कुमार अनंत सिंह को जाल में फंसा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जब अनंत सिंह ने दलित नेता और पूर्व सीएम जीतन राम मांझी को जान से मारने की धमकी दी, तब मैंने विरोध किया था. मैंने सदैव अन्याय का विरोध किया है. यह आगे भी जारी रहेगा.