17 साल से अधूरे 50 कृषि भवनों की होगी जांच
राज्यभर में अधूरे 50 इ-किसान भवनों के निर्माण कार्य की जांच होगी. इनमें 30 किसान भवन जमीन नहीं मिलने के कारण अधूरे हैं, जबकि 20 किसान भवन राशि आवंटित होने के बाद भी क्यों अधूरे हैं, इसकी पड़ताल होगी.
मनोज कुमार, पटना राज्यभर में अधूरे 50 इ-किसान भवनों के निर्माण कार्य की जांच होगी. इनमें 30 किसान भवन जमीन नहीं मिलने के कारण अधूरे हैं, जबकि 20 किसान भवन राशि आवंटित होने के बाद भी क्यों अधूरे हैं, इसकी पड़ताल होगी. जमीन के अभाव में अधूरे किसान भवनों की प्राक्कलित राशि लगभग 28 करोड़ 57 लाख रुपये थी. अधूरे किसान भवनाें के निर्माण पर 18 करोड़ 78 लाख रुपये खर्च होने थे. अधूरे और जमीन के अभाव में अपूर्ण किसान भवनों पर 47 करोड़ खर्च होने थे. ये सभी किसान भवन लगभग 17 साल से लेकर 10 साल से अधूरे पड़े हैं. कृषि विभाग ने इसकी जांच के लिए सात सदस्यीय कमेटी बनायी है. इन्हें कुल सात बिंदुओं पर जांच की जिम्मेदारी मिली है. कृषि भवन अधूरे होने का कारण, भवन कब स्वीकृत हुआ था, अब तक कितनी राशि खर्च हुई, इसकी जांच करनी है. जमीन नहीं मिलने से यहां नहीं बने किसान भवन पटना में 6, रोहतास, बक्सर, नवादा, समस्तीपुर पूर्णिया में एक-एक, सारण में चार, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, दरभंगा, सहरसा में दो-दो, बेगूसराय में तीन इ-किसान भवन जमीन नहीं मिलने के कारण नहीं बने. इनके निर्माण की कुल प्राक्कलित राशि 26 करोड़ 14 लाख रुपये थी. इनके निर्माण की योजना वर्ष 2012-13 से 2016 के बीच बनायी गयी थी. सहरसा, खगड़िया में एक-एक तथा मुंगेर में दो किसान भवन जमीन उपलब्ध नहीं होने के कारण नहीं बन सके हैं. इसके लिए 2 करोड़ 43 लाख रुपये की स्वीकृति मिली थी. इन जिलों में अपूर्ण हैं किसान भवन नवादा, सीवान, वैशाली, समस्तीपुर, बेगूसराय, भागलपुर, लखीसराय, पूर्वी चंपारण, बांका, जमुई में एक-एक तथा रोहतास में दो किसान भवन अधूरे हैं.
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