अनंत सिंह 15 तक भेजे गये जेल, संजय सिंह हत्याकांड में मोकामा विधायक की कोर्ट में हुई पेशी

पटना : कोतवाली थाना क्षेत्र में हुए ठेकेदार संजय सिंह हत्याकांड में गुरुवार को मोकामा विधायक अनंत कुमार सिंह को पटना के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी भरत सिंह की अदालत में पेश किया गया. अदालत ने इस मामले में न्यायिक हिरासत में लेते हुए 15 जुलाई तक जेल भेज दिया. अनंत सिंह इसके पूर्व बिहटा कांड […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 3, 2015 6:29 AM
पटना : कोतवाली थाना क्षेत्र में हुए ठेकेदार संजय सिंह हत्याकांड में गुरुवार को मोकामा विधायक अनंत कुमार सिंह को पटना के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी भरत सिंह की अदालत में पेश किया गया. अदालत ने इस मामले में न्यायिक हिरासत में लेते हुए 15 जुलाई तक जेल भेज दिया.
अनंत सिंह इसके पूर्व बिहटा कांड संख्या 859/14 के मामले में बेऊर जेल में बंद थे. कोतवाली थाना कांड संख्या 10/08 के अनुसंधानकर्ता ने सीजेएम पटना की अदालत में 27 जून, 2015 को एक आवेदन देकर यह निवेदन किया था कि संजय सिंह हत्याकांड में प्रारंभिक जांच में अनंत सिंह की संलिप्तता प्रकट हो रही है. उन्हीं की योजना से संजय सिंह की हत्या करायी गयी थी.
इस कारण इस मामले में इनका प्रोडक्शन अनिवार्य है, ताकि पूछताछ कर मामले की तह तक जाया जा सके. अदालत द्वारा अनुसंधानकर्ता के आवेदन को स्वीकार कर गुरुवार को उपस्थापित किया गया.
आठ जनवरी, 2008 को हुई थी हत्या
गौरतलब हो कि आठ जनवरी, 2008 को ठेकेदार संजय सिंह की हत्या कोतवाली थाना क्षेत्र में कर दी गयी थी. उक्त घटना के बाद कोतवाली थाने में भादवि की धारा 302/34, 120 बी व 27 आर्म्स एक्ट में मामले में सच्चिदानंद सिंह उर्फ फौजी सिंह, मुकेश सिंह, राजेश सिंह, विनय सिंह, मनोज सिंह, रणधीर सिंह, भोला सिंह एवं विधायक अनंत सिंह को नामजद अभियुक्त बनाया गया था. गिरफ्तार भोला सिंह से पूछताछ के बाद पुलिस को इस बात की जानकारी मिली कि अनंत सिंह व सच्चिदानंद सिंह ने ही मिल कर हत्या की साजिश रची थी.
और इस संबंध में दोनों के बीच मोबाइल पर बात भी हुई थी. इसके बाद पुलिस ने टावर लोकेशन व मोबाइल की सीडीआर निकाली, जिसमें इन लोगों की संलिप्तता उजागर हुई.
हथकड़ी में लाये गये अनंत सिंह
पटना. पटना के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी भरत सिंह की अदालत में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मोकामा विधायक अनंत सिंह को बेऊर जेल से दिन में लगभग 12 बजे पटना सिविल कोर्ट लाया गया. जेल की गाड़ी के अंदर ही उन्हें हथकड़ी लगा दी गयी थी और फिर उन्हें हथकड़ी के साथ ही अदालत में पेश किया गया. वहां मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने पेशी के दौरान हाजत के आरक्षी को यह निर्देश दिया कि अदालत में उनकी हथकड़ी को निकाल कर पेश किया जाये.
इसके बाद हथकड़ी निकाल दी गयी. अनंत सिंह के आने की पूर्व सूचना होने के कारण उनके समर्थक व अन्य लोग अदालती कार्यवाही को देखने के लिए काफी संख्या में जुटे थे. सिविल कोर्ट के गेट के बाहर मीडियाकर्मी भी जुटे थे. पेशी के दौरान अनंत सिंह के अधिवक्ता ने न्यायालय में हथकड़ी लगा कर पेश करने का विरोध किया तथा अदालत से निवेदन किया था कि उन्हें हथकड़ी लगा कर न लाया जाये. संजय सिंह हत्याकांड में अदालत में पेशी के बाद अदालत परिसर से निकलने के बाद उन्हें फिर से हथकड़ी लगा दी गयी और जेल की गाड़ी में बैठा कर कड़ी सुरक्षा में फिर से बेऊर जेल भेज दिया गया.
‘लालू प्रसाद ने साजिश कर हमें जेल भेजवाया’
पटना. अदालत में पेशी के बाद मीडियाकर्मियों से बातचीत में अनंत सिंह ने कहा कि लालू यादव वोटों की राजनीति कर रहे हैं. बाढ़ में काफी वोट पप्पू यादव ने अपने पक्ष में कर लिया है, जिसके कारण वे परेशान हो रहे हैं. अपना वोट बढ़ाने के लिए लालू यादव ने साजिश के तहत उन्हें जेल भेजा है.
पुलिस ने इडी को सौंपी अनंत की एफआइआर की कॉपी
पटना : बिहार पुलिस ने इडी (प्रवर्तन निदेशालय) को अनंत सिंह की एफआइआर सौंप दी है. कुछ अन्य कागजात को भी एक-दो दिन में सौंप दिया जायेगा. विधायक की एफआइआर के आधार पर इडी इसीआइआर (इनफोर्समेंट केस इनफॉरमेशन रिपोर्ट) तैयार करके मामला अपने पास विधिवत तरीके से दर्ज करेगा.
इसके बाद मनी लाउंड्री एक्ट के तहत जांच की जायेगी. इस एक्ट के तहत वैसे लोगों की अवैध संपत्ति की जांच कर कार्रवाई की जाती है, जिन्होंने अपराध के जरिये धन जमा किये हैं. इसके लिए संबंधित अपराधी पर एफआइआर दर्ज होना अनिवार्य होता है, तभी इडी इस एक्ट के तहत जांच शुरू कर सकती है.
इन पहलुओं पर होगी जांच : विधायक की तमाम संपत्तियों की जांच इडी शुरू करेगा. वह यह पता लगायेगा कि संपत्ति किनके नाम पर है, उसे कब खरीदा या बनाया गया, उसकी वर्तमान कीमत कितनी है, उसे कितने में खरीदा गया था, किस तरह से खरीदा गया था आदि अन्य सवालों पर जांच चलेगी.
इसके अलावा सबसे महत्वपूर्ण यह होगा कि जो संपत्ति उनके या उनके किसी परिजन या दोस्त के नाम पर है, उस संपत्ति की कीमत के मुताबिक संबंधित व्यक्ति की आय के स्नेत की जानकारी प्राप्त की जायेगी. इससे यह स्पष्ट हो जायेगा कि संपत्ति बनाने में किसी तरह की प्रक्रिया अपनायी गयी है, आपराधिक या सामान्य.
इस तरह पूरे नेटवर्क को खंगाला जायेगा. इडी की इन पहलुओं पर जांच की प्रक्रिया में विधायक कई संपत्ति के मामले में फंस सकते हैं. आय के स्नेत के मुताबिक संपत्ति का विश्‍लेषण किया जायेगा.

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