पटना: जदयू के बाहुबली विधायक अनंत सिंह के पूर्व बॉडीगार्ड विपिन सिंह को पटना पुलिस की विशेष टीम ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया है. बिहटा अपहरण कांड एवं अगमकुंआ रंगदारी मामले में पुलिस ने विपिन सिंह की गिरफ्तार किया है. विपिन की गिरफ्तारी के साथ ही अनंत सिंह की मुश्किलें और बढ़ सकती है. इससे पहले संजय सिंह हत्याकांड में कल भारी सुरक्षा के बीच अनंत सिंह को पटना सिविल कोर्ट में पेश किया गया था. पेशी के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए अनंत सिंह ने अपने खिलाफ होनेवाली प्रशासनिक कार्रवाई के लिए राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव एवं सांसद पप्पू यादव को जिम्मेवार ठहराया था. कुल मिलाकर बाहुबली विधायक अनंत सिंह आपराधिक मुकदमों के मकड़जाल में फंसते दिख रहे हैं. जाहिर है कि बिहार विधानसभा चुनाव से पहले जदयू विधायक अनंत सिंह की मुश्किलें और बढ़ गई है.
जानकारी के मुताबिक अनंत सिंह के पूर्व बॉडीगार्ड विपिन सिंह ने अगमकुंआ में एक बिल्डर से जबरन रंगदारी मांगी थी और इसको लेकर उनके विरुद्ध अगमकुआं थाने में एक मामला दर्ज किया गया था. साथ ही बिहटा अपहरणकांड में भी विपिन सिंह का नाम सामने आया था और इस मामले में पटना के शास्त्रीनगर थाने में एफआइआर दर्ज किया गया था. दोनों ही मामलों में पटना पुलिस की विशेष टीम ने आज छापेमारी कर विपिन सिंह को गिरफ्तार कर लिया. विपिन सिंह को इन मामलों में सह अपराधी माना गया है. जानकारी के मुताबिक पूर्व बाडीगार्ड से पूछताछ के बाद इस दोनों मामलों में पुलिस को अहम जानकारियां मिल सकती है जिससे अनंत सिंह की मुश्किलें और बढ़ सकती है. जानकारी के मुताबिक अब विपिन सिंह का प्रोमोशन हो गया है और अब वे एएसआइ के पद पर तैनात है. पटना एसएसपी विकास वैभव ने विपिन सिंह की गिरफ्तारी की पुष्टि कर दी है.
मेरे खिलाफ लालू व पप्पू ने की साजिश : अनंत सिंह
मोकामा के जदयू विधायक अनंत सिंह ने गुरु वार को पटना व्यवहार न्यायालय मे पेशी के बाद मीडियाकर्मियों के सामने अपनी बात रखते हुए कहा, मेरे खिलाफ होने वाली प्रशासनिक कार्रवाई के लिए राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और सांसद पप्पू यादव ने साजिश किया है. उन्होंने कहा कि इन दोनों की राजनीतिक प्रतिद्वंदिता में उन्हें बलि का बकरा बना दिया गया. अनंत ने कहा कि लालू को पप्पू यादव से दुश्मनी है और इस कारण वोट बैंक के लिए लालू प्रसाद ने उन्हें फंसा दिया. लालू को डर था कि पप्पू यादव बाढ़ में राजद का वोट काट रहे हैं. इस कारण उन्होंने उनको निशाने पर लिया. अनंत ने कहा कि इन सभी उतार-चढ़ाव के बावजूद जनता मुङो वोट देगी, क्योंकि जनता सच्चाई जानती है. गौर हो कि संजय सिंह हत्याकांड में भारी सुरक्षा के बीच उन्हें कल कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट में पेशी के बाद वे बेउर जेल के लिए रवाना हो गए. साल 2010 में संजय सिंह की कोतवाली थाना क्षेत्र में हत्या कर दी गई थी. संजय सिंह, विवेका पहलवान के भाई हैं, जिनसे अनंत सिंह की खूनी अदावत चल रही है.
मोकामा में अनंत की चलती है अलग सरकार
2005 में पहली बार चुनाव जीतने वाले मोकामा के इस बाहुबली की सरकार अलग ही चलती है. उसके खिलाफ कई आपराधिक मामले भी सामने आए लेकिन दबाव के चलते पुलिस उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर सकी. 2005 में लालू प्रसाद यादव के खिलाफ चुनाव लड़ने के दौरान नीतीश ने बिहार को अपराधियों से मुक्त करने का वादा तो किया लेकिन सत्ता में आने के बाद बिहार में 80,000 से ज्यादा अपराधियों को अदालतों की ओर से दोषी करार दिया गया. हजारों अपराधी जेल भेजे गए जिनमें लालू प्रसाद का करीबी मोहम्मद शहाबुद्दीन भी शामिल था लेकिन अनंत सिंह को छूने की हिम्मत किसी में नहीं हुई और अनंत सिंह ने खुद को बाहुबली के तौर पर स्थापित करने की कोशिश तेज कर दी.
दुष्कर्म व हत्या के मामले में अनंत का नाम
एक महिला से बलात्कार और हत्या के मामले में वर्ष 2007 में अनंत सिंह के शामिल होने की बात सामने आई. जब इस संबंध में न्यूज चैनल के एक पत्रकार ने उनसे सवाल किया तो बाहुबल विधायक ने उन्हें जमकर पीटा. मामले ने तूल पकड़ा और विधायक की गिरफ्तारी भी हुई लेकिन बाद में मामला कमजोर पड़ गया.
अतिक्रमण करने का भी आरोप
साल 2013 में अनंत सिंह पर पटना के पाटलिपुत्र कॉलोनी स्थित अपने होटल के सामने अतिक्र मण करने का आरोप भी लग चुका है. हालांकि जब बवाल बढ़ा तो बाहुबली ने जमीन खाली कर दी. दिलचस्प बात यह है कि अपनी दबंग छवि से आतंक पैदा करने वाले और लोगों को झुकने पर मजबूर करने वाले अनंत सिंह को अपनी पार्टी की ही एक विधायक और समाज कल्याण मंत्री परवीन अमानुल्ला की वजह से पीछे हटने को मजबूर होना पड़ा था.
विधायक बनने के साथ ही संपत्ति कई गुना बढ़ी
विधायक बनने के पांच साल बाद ही अनंत सिंह की संपित्त कई गुना बढ़ गई. 2005 में अनंत सिंह ने अपने चुनावी हलफनामे में 3.40 लाख रु पये की मामूली संपित्त होने की घोषणा की थी, जो 2010 में बढ़कर 38.84 लाख रु पये तक पहुंच गई.
अजगर पालने की सनक
2007 में जानवरों के मेले में वह लालू यादव का घोड़ा लेकर पहुंचे थे. अनंत सिंह को पता था कि लालू उन्हें अपना घोड़ा नहीं बेचेंगे, इसलिए उन्होंने किसी और के जरिए घोड़ा खरीदा था. अजगर पालने जैसी अपनी सनक के लिए चर्चित जदयू विधायक पहले भी कई विवादों में फंस चुके हैं. मसलन, दूसरे की मिर्सडीज का मनमाने ढंग से दबावपूर्वक इस्तेमाल करना या फिर एक कार्यक्र म के दौरान हवाई फायरिंग करना भी उनके रिकॉर्ड में दर्ज है.
घोड़ा-बग्घी चलाकर बटोरी सुर्खियां
पेट्रोल बचाने के लिए अनंत सिंह ने अपनी मिर्सडीज छोड़कर घोड़ा-बग्गी चलाई. अनंत सिंह ने विधानसभा जाने के लिए घोड़ा-बग्गी का इस्तेमाल किया. अनंत सिंह का कहना था कि मैंने अपने लिए ये बग्गी दिल्ली में बनवाई थी, इसे कुछ साल पहले मैंने घर मंगवाया. उन्होंने कहा, वह लगातार घोड़ा-बग्गी चलाते रहेंगे क्योंकि इसमें पेट्रोल की जरूरत नहीं होती.
मांझी ने भी लगाए हैं गंभीर आरोप
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने भी अनंत सिंह पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जदयू विधायक उन्हें मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए जान से मार देने की धमकी दे चुके है. उन्होंने नीतीश कुमार पर अनंत सिंह को संरक्षण देने का भी आरोप लगाया था. उन्होंने कहा कि उन्हें अनंत सिंह से धमकी मिलती थी और नीतीश ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की. उन्होंने कहा कि अनंत सिंह मेरी हत्या कर सकते है.