जैसे-तैसे हो रहा मेंटेनेंस
पटना: दानापुर मंडल का राजेंद्रनगर रेलवे कोचिंग कॉम्प्लेक्स (आरएनसीसी) मेंटेनेंस के बढ़ते बोझ से हाफ रहा है. कोचिंग कॉम्प्लेक्स में हर दिन राजधानी व संपूर्ण क्रांति सहित लगभग 17 गाड़ियों की प्राइमरी, सेकेंड्री और राउंड ट्रिप मेंटेनेंस होता है, लेकिन मैनपावर और मेंटेनेंस पिट लाइन की कमी के कारण हर दिन यहां मेंटेनेंस के साथ […]
पटना: दानापुर मंडल का राजेंद्रनगर रेलवे कोचिंग कॉम्प्लेक्स (आरएनसीसी) मेंटेनेंस के बढ़ते बोझ से हाफ रहा है. कोचिंग कॉम्प्लेक्स में हर दिन राजधानी व संपूर्ण क्रांति सहित लगभग 17 गाड़ियों की प्राइमरी, सेकेंड्री और राउंड ट्रिप मेंटेनेंस होता है, लेकिन मैनपावर और मेंटेनेंस पिट लाइन की कमी के कारण हर दिन यहां मेंटेनेंस के साथ खिलवाड़ हो रहा है. गाड़ियों को समय पर चलाने के लिए संरक्षा नियम ताक पर रख दिये जाते हैं.
समय का पालन नहीं
रेलवे बोर्ड ने देश में चलने वाली हर गाड़ी के लिए प्राइमरी, सेकेंड्री व राउंड ट्रिप मेंटेनेंस के लिए जगह निर्धारित कर रखी है. उदाहरण के तौर पर राजेंद्र नगर-लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस की राजेंद्र नगरकोचिंग कॉम्प्लेक्स में एक बार प्राइमरी मेंटेनेंस होने पर दोबारा वापस लौटने पर ही उसका मेंटेनेंस होगा.
संरक्षा नियम के मुताबिक प्राइमरी मेंटेनेंस के लिए छह घंटे, सेकेंड्री मेंटेनेंस के लिए पांच घंटे और राउंड ट्रिप मेंटेनेंस के लिए ढ़ाई घंटे का समय निर्धारित है. समय के अभाव में शायद ही इसका पालन हो पाता है. तीन से चार घंटे में ही प्राइमरी मेंटेनेंस जबकि दो-तीन घंटे में सेकेंड्री मेंटेनेंस कर गाड़ियों को रवाना करने की मजबूरी होती है.
एलएचबी पिट बेकार
सात करोड़ रुपये से अधिक की लागत से आरएनसीसी में एलएचबी कोच वाली गाड़ियों के मेंटेनेंस के लिए विशेष पिट बनायी गयी, लेकिन उद्घाटन के बाद से ही यह बेकार पड़ा है. इसके रहते राजधानी और संपूर्ण क्रांति की एलएचबी रैक की मेंटेनेंस सामान्य पिट में होती है. कमीशनखोरी के चक्कर में यह पिट काफी संकरा बन गया है. इसमें हमेशा पानी जमा रहता है. साइड फ्लोर ऊंचा नहीं रहने से मेकेनिकल स्टाफ ऊपर तक पहुंच कर गाड़ियों की जांच ही नहीं कर पाते हैं. एलएचबी तो दूर इस पिट में सामान्य बोगियों के मेंटेनेंस में भी समस्या होती है.