जातिवाद की हद पर उतर आया है जदयू : नंदकिशोर

पटना: विधानसभा में विपक्ष के नेता नंदकिशोर यादव ने कहा कि देश में सिर्फ दो जाति हैं, अमीर व गरीब और भाजपा सबका साथ, सबका विकास की नीति के तहत इन्हीं दोनों के बीच की खाई को पाटने में लगी है. राज्य की जनता देख रही है कि कभी सुशासन, विकास और कानूनराज की बात […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 7, 2015 6:33 AM
पटना: विधानसभा में विपक्ष के नेता नंदकिशोर यादव ने कहा कि देश में सिर्फ दो जाति हैं, अमीर व गरीब और भाजपा सबका साथ, सबका विकास की नीति के तहत इन्हीं दोनों के बीच की खाई को पाटने में लगी है. राज्य की जनता देख रही है कि कभी सुशासन, विकास और कानूनराज की बात करनेवाले जदयू सुप्रीमो अब किस तरह जातिवाद की राजनीति पर उतर आये हैं. बांटों और राज करो की यही राजनीति जदयू-राजद-कांग्रेस गंठबंधन का असली चेहरा है. इस गंठबंधन को ये बताना चाहिए कि जाति रिपोर्ट जारी होने या नहीं होने से बिहार की जनता को आखिर क्या फायदा-नुकसान होने जा रहा है.
यादव ने कहा कि जाति जनगणना रिपोर्ट जारी करने को लेकर जदयू सुप्रीमो जिस तरह अचानक राजद प्रमुख की भाषा बोलने लगे हैं, उससे साफ है कि जदयू की नीतियां राजद तय कर रहा है.जब सामाजिक-आर्थिक रिपोर्ट में यह बात सामने आ चुकी है कि किस क्षेत्र में कितनी गरीबी है, किस क्षेत्र में कितना काम करने की जरूरत है तो फिर मुख्यमंत्री होने के नाते उस पर ध्यान क्यों नहीं लगा रहे. सूबे में वैसे भी जदयू सुप्रीमो और उनकी सरकार तथा पूरी मशीनरी चुनावी दस्तक देने के अलावा कुछ नहीं कर रही है. यादव ने सवाल किया है कि क्या जदयू सुप्रीमो अब जाति देख कर घरों पर दस्तक देने की योजना बना रहे हैं. यादव ने कहा कि कुरसी के लिए राजद पर निर्भर जदयू सुप्रीमो ने पहले तो बिहार को विकास और सुशासन की पटरी से उतारा, फिर सत्ता संरक्षण के जरिये अपराधों को बढ़ावा दिया और पिछले एक महीने से इनकी पूरी राजनीति सूबे को एक बार फिर जातीय तनाव के दौर में झोंकने पर केंद्रित है.
यह ख्याल रखना चाहिए कि अपने राजनीतिक फायदे के लिए विकासवाद की बलि चढ़ा कर जातिवाद और मजहबवाद को हवा देने की सियासत अब चलने वाली नहीं है. जदयू-राजद-कांग्रेस गंठबंधन के पास बिहार के विकास से जुड़ी न तो कोई उपलब्धि है और न ही कोई योजना, ऐसे में ये लोग बेकार के मुद्दे पर राजनीति करने पर मजबूर हैं.

Next Article

Exit mobile version