पटना: राज्य में विधान परिषद की 24 सीटों के लिए कराये गये मतदान में मंगलवार को 94 फीसदी मतदान हुआ. किसी भी बूथ से अप्रिय घटना की सूचना नहीं है. पुनर्मतदान की मांग भी किसी जिले से नहीं की गयी है. इधर मतदान के दौरान पटना सदर अनुमंडल में आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के मामले शिक्षा मंत्री पीके शाही और परिवहन मंत्री ललन सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है जिसमें आगे की कानूनी कार्रवाई होगी.
अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी आर लक्ष्मण ने बताया कि राज्य के 534 मतदान केंद्रों पर शांतिपूर्ण ढंग से मतदान का कार्य संपन्न हो गया है. उन्होंने बताया कि मतदान के दौरान मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में स्थापित नियंत्रण कक्ष में आठ जिलों बेमूसराय, जमुई, औरंगाबाद, नालंदा, भोजपुर व सीवान से शिकायत मतदान को लेकर शिकायत प्राप्त हुई थी जिसकी जांच कराने के बाद असत्य पाया गया है. उन्होंने बताया कि सबसे अधिक नवादा निर्वाचन क्षेत्र में 98.71 फीसदी हुआ है. 98 फीसदी मतदान वाले निर्वाचन क्षेत्रों में औरंगाबाद, भोजपुर सह बक्सर व सारण निर्वाचन क्षेत्र शामिल हैं. राज्य में सबसे कम 85 फीसदी मतदान सहरसा-मधेपुरा-सुपौल निर्वाचन क्षेत्र में हुआ है.
लक्ष्मण ने बताया कि राज्य के 1279 मतदाताओं ने निरक्षर या दृष्टिहीनता को लेकर मतदान के लिए सहयोगी ले जाने की अनुमति प्राप्त की थी. विधान परिषद निर्वाचन के दौरान अब तक सात वोटर आइकार्ड, 30 मतपत्र, 13 देसी पिस्तौल, पांच देसी कट्टा, 142 कारतूस, दो सिलिंडर बम, 16 मैगजीन, आठ मोटरसाइकिल, आठ मोबाइल, चार मोबाइल बैट्री, चार मोबाइल चिप, 1675 लीटर देसी शराब, छह किलोग्राम गांजा और दो लाख 77 हजार 431 रुपये नकद बरामद किये गये. उड़नदस्ता टीम द्वारा आचार संहिता के कुल 15 मामले दर्ज कराये गये हैं.
आगामी सितंबर-अक्तूबर में संभावित बिहार विधानसभा चुनाव के सेमीफाइनल के तौर पर देखे जा रहे बिहार विधान परिषद की इन 24 सीटों के लिए आज जारी चुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नीत धर्मिनरपेक्ष गठबंधन में शामिल जदयू, राजद, कांग्रेस और राकांपा आपसी सहमति और तालमेल के तहत क्र मश: दस, दस, तीन और एक सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं राजग में शामिल भाजपा, लोजपा और रालोसपा के बीच हुए सीट समझौते के तहत इन दलों ने क्र मश: 18, 4 और 2 सीटों पर अपने-अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं.
आचार संहिता उल्लंघन में फंसे दो मंत्री
पटना सदर अनुमंडल बूथ पर आचार संहिता उल्लंघन के केस में प्रदेश के दो मंत्री पी के शाही और ललन सिंह फंस गये. दोनों लाल बत्ती के गाड़ी के साथ वोट देने के लिए पहुंचे. इआरओ सह सदर एसडीओ अमित कुमार के निर्देश के बाद दोनों के खिलाफ गांधी मैदान थाने में मजिस्ट्रेट शिवानंद उपाध्याय ने धारा 188 और धारा 131 के तहत केस दर्ज कराया. देर शाम दोनों मंत्री ने थाने मे सरेंडर किया. इसके बाद उन्हें जमानत दे दी गयी. पहले वोट देने पहुंचे शिक्षा मंत्री पीके शाही लाल बत्ती गाड़ी में एकदम बूथ के निकट पहुंच गये. वहीं इसके बाद परिवहन मंत्री ललन सिंह भी लाल बत्ती लगी गाड़ी के साथ ही वोट देने के लिए आये. वहां मौजूद मीडिया के हुजूम ने जब फोटो शूट करना शुरू किया तो मंत्री जी का ध्यान टूटा. शिक्षा मंत्री तो बाहर आये लेकिन परिवहन मंत्री मीडिया का सामना भी नहीं कर सके और विकास भवन के गेट से निकलते बने.
राबड़ी देवी के समर्थक भी बूथ तक पहुंचे
इधर इसके साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के समर्थक भी भारी संख्या में नियम कायदों की धज्जियां उड़ाते हुए बूथ तक पहुंच गये. आम लोगों के लिए सजगता से जांच कर रहे प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों ने उन पर रोक लगाने की कोशिश की लेकिन वे सफल नहीं हो सके. इआरओ अमित कुमार ने इस मामले की रिपोर्ट मौके पर तैनात दंडाधिकारी और पुलिस पदाधिकारी से मांगी है.