पटना: सड़क निर्माण से लेकर मेंटेनेंस में गड़बड़ी की शिकायत मिलने पर ठेकेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी. सरकारी प्रावधानों के अनुसार काम को लेकर हुए एग्रीमेंट की शर्त में किसी तरह का उल्लंघन कदाचार की श्रेणी में है. इसमें दोषी पाये गये तो संबंधित ठेकेदारों को 15 साल तक ब्लैक लिस्टेड किया जा सकता है. बिहार ठेकेदारी निबंधन नियमावली 2007 में ‘एकरारनामा व विहित विनिर्देश के अनुसार कार्य निष्पादन में चूक ’ का उल्लेख है.
कार्य निष्पादन में विभिन्न चूक को चिह्न्ति नहीं करने के कारण कांट्रैक्टर के खिलाफ कार्रवाई करने में विभाग को कठिनाई होती है. पथ निर्माण विभाग ने बिहार ठेकेदारी निबंधन नियमावली 2007 के 11 (क)के कड़ाई से अनुपालन के लिए नियमावली में कुछ अलग से नया नियम जोड़ा है. इसके अनुसार एग्रीमेंट की शर्त का उल्लंघन से लेकर अन्य किसी तरह की गड़बड़ी की शिकायत मिलने पर कांट्रैक्टर को ब्लैकलिस्टेड करने के लिए समय निर्धारित किया गया है. यह समय दो वर्ष से 15 वर्ष तक हो सकता है.
जानकारों का कहना है कि अमूमन काम में गड़बड़ी करने पर या एग्रीमेंट का उल्लंघन होने पर कांट्रैक्टर को पहले से मिले काम पूरा करने के बाद दूसरा टेंडर भरने की इजाजत नहीं मिलती है. नये नियम के अनुसार ठेकेदार को खास अवधि के लिए ब्लैकलिस्टेड कर दिया जायेगा. अगर आवश्यकता समझी गयी तो तो ठेकेदार का निबंधन दो वर्ष के लिए रद्द हो सकता है.
ओपीआरएमसी के तहत सड़क का हो रहा मेंटेनेंस
राज्य सरकार के अधीन सड़क का मेंटेनेंस काम आउटपुट एंड परफॉरमेंस बेस्ड रोड एसेसट्स मेंटेनेंस कांट्रैक्ट (ओपीआरएमसी) के तहत हो रहा है. इसमें कंपनी को पांच साल तक सड़क का मेंटेनेंस करना है. नये सड़क निर्माण में कंपनी को डिफेक्ट लायबिलिटी पीरियड तक मेंटेनेंस करना होता है. विभाग द्वारा नियम में हाल ही बदलाव को लेकर अभी तक किसी भी कारण को लेकर कांट्रैक्टर को ब्लैकलिस्टेड नहीं किया गया है. विभागीय आधिकारिक सूत्र ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय ने कांट्रैक्टर पर कार्रवाई किये जाने के मामले में समय निर्धारित करने का आदेश दिया है.