काम पर मांगूंगा वोट, भाजपा खेल रही जाति कार्ड : नीतीश
सोनपुर/दिघवारा : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को कहा कि बिहार की जनता विकास का स्वाद चख चुकी है. लिहाज आसन्न विधानसभा चुनाव में महागंठबंधन के उम्मीदवारों को जनता का जबरदस्त समर्थन मिलेगा और बिहार में एक बार फिर हमारी सरकार बनेगी. उन्होंने कहा कि मैं जाति नहीं, काम के आधार पर वोट मांगूंगा. वह […]
सोनपुर/दिघवारा : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को कहा कि बिहार की जनता विकास का स्वाद चख चुकी है. लिहाज आसन्न विधानसभा चुनाव में महागंठबंधन के उम्मीदवारों को जनता का जबरदस्त समर्थन मिलेगा और बिहार में एक बार फिर हमारी सरकार बनेगी. उन्होंने कहा कि मैं जाति नहीं, काम के आधार पर वोट मांगूंगा.
वह सोनपुर प्रखंड के नयागांव के डुमरी बुजुर्ग गांव में बिस्कोमान के अध्यक्ष डॉ सुनील कुमार सिंह की माता चंदा देवी व चाची फूलकुमारी देवी के श्रद्धकर्म में पहुंचे थे.
श्रद्धकर्म में भाग लेने के बाद पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित साह पर हमला बोलते हुए कहा कि चुनाव आने से पूर्व ही भाजपा के नेता का चरित्र दिखने लगा है और जातिगत कार्ड खेला जा रहा है.
एक तरफ प्रधानमंत्री बिहारवासियों से जाति नहीं, विकास के आधार पर वोट करने की बात करते हैं, वहीं पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जातिगत कार्ड खेलते हैं. पहले ओबीसी पीएम वाले अमित शाह के बयान पर नीतीश कुमार ने कहा कि नरेंद्र मोदी को पहला ओबीसी प्रधानमंत्री बतानेवाले यह नहीं जानते हैं कि वर्ष 1996 में एचडी देवगौड़ा पहले ओबीसी प्रधानमंत्री बने थे.
पीएम नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि उनको अचानक 15 महीने बाद बिहार की याद आयी है. बिहारवासी समझ लें माजरा क्या है. लोकसभा चुनाव में किये गये तमाम वादे अधूरे रह गये हैं. लिहाजा बिहार की जनता इस बार सबक सिखाने के मूड में है और इस बार किसी तरह के आश्वासन में फंसनेवाली नहीं है. उन्होंने कहा कि भाजपा चुनाव से पहले काम करने का वादा करती है. फिर चुनाव के बाद किये गये वायदे को जुमलेबाजी की संज्ञा देकर जनता को मूर्ख बनाती है. उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग न भूलें कि काठ की हाड़ी एक बार ही आग पर चढ़ती है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता ने हमें कार्यो के लिए चुना और हमने भी जनता की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए बिहार को विकास की ओर बढ़ाया. विधान परिषद चुनाव के परिणाम की बाबत उन्होंने कहा कि इस चुनाव में चुने गये त्रिस्तरीय पंचायत के प्रतिनिधियों ने प्रत्याशियों को उसके व्यक्तित्व के आधार पर वोट दिया. पार्टी के आधार पर नहीं. प्रबंधन कौशल के परिणाम पर असर पड़ा, इसमें दो राय नहीं. उन्होंने कहा कि इस चुनाव परिणाम का राजनीतिक अर्थ निकालना तर्कसंगत नहीं है. मगर भाजपावाले अपने मियां मिट्ठू बन रहे हैं. विधानसभा चुनाव में ताकत का एहसास दिख जायेगा. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार सामाजिक, आर्थिक, जातिगत जनगणना की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं कर रही है.
क्योंकि उसकी मंशा सही नहीं है. उन्होंने कहा कि इसी माह सरकार अपने कार्यो को लेकर रिपोर्ट कार्ड पेश करेगी और सरकार द्वारा बताया जायेगा कि क्या वादे किये गये थे और वादों के अनुसार कितना काम हुआ?
इस अवसर पर खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्याम रजक, जदयू के प्रदेश महासचिव शैलेंद्र प्रताप, डॉ सुनील कुमार सिंह आदि उपस्थित थे.