अच्छे दिन सिर्फ एक फीसदी लोगों के लिए : प्रो राजेंद्र
जसम के चौथे राज्य सम्मेलन का उद्घाटननयी तैयारियों के साथ संस्कृति कर्मियों को खड़ा होना होगा : प्रणय कृष्णआरा. केंद्र की मोदी सरकार जनता के द्वारा नहीं चुनी गयी, बल्कि कॉरपोरेट कंपनियों द्वारा चुनी गयी है. उन कॉरपोरेट कंपनियों ने मोदी को विजयी बनाने में पूरी ताकत लगा दी थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिर्फ कॉरपोरेट […]
जसम के चौथे राज्य सम्मेलन का उद्घाटननयी तैयारियों के साथ संस्कृति कर्मियों को खड़ा होना होगा : प्रणय कृष्णआरा. केंद्र की मोदी सरकार जनता के द्वारा नहीं चुनी गयी, बल्कि कॉरपोरेट कंपनियों द्वारा चुनी गयी है. उन कॉरपोरेट कंपनियों ने मोदी को विजयी बनाने में पूरी ताकत लगा दी थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिर्फ कॉरपोरेट कंपनियों के हित में काम कर रहे हंै. देश में एक अप्रत्यक्ष आपातकाल और एक किस्म का अधिनायक वाद चल रहा है. अच्छे दिन सिर्फ एक प्रतिशत लोगों के लिए आये हंै. उक्त बातें जसम के कार्यकारी अध्यक्ष प्रो राजेंद्र कुमार ने जसम के चौथे राज्य सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए द्रुगेंद्र अकारी सभागार (नागरी प्रचारिणी सभागार) में कहीं. सम्मेलन का उद्घाटन सत्र विचार सत्र भी था, जिसका विषय कंपनी राज की आहटंे और प्रतिरोध की संस्कृति था. प्रो राजेंद्र कुमार ने कहा कि विकास की मनमानी व्याख्या की जा रही है. यह विकास जनहित में नहीं है. अमर्त्य सेन सरीखे अर्थशास्त्री ने इस विकास के मॉडल की आलोचना की है. उन्होंने कहा कि प्रतिरोध की संस्कृति को मजबूत बनाने के लिए ज्ञान और क्रिया की एकता जरूरी है. जनवादी लेखक संघ के राज्य सचिव कथाकार नीरज सिंह ने कहा कि 1990 के बाद सरकारें पूरी तरह कॉरपोरेट घरानों और साम्राज्यवादी ताकतों के हित में काम करने लगी हैं. वहीं, जसम के राष्ट्रीय महासचिव प्रणय कृष्ण ने कहा कि इतिहास में आज के दौर से ज्यादा पेचीदा और खौफनाक दौर आये हैं. लेकिन, दुनिया के साहित्यकार संस्कृति कर्मियों ने प्रतिरोध की मिसाल कायम की है.