जदयू के चार बागी विधायकों को राहत
पटना: सुप्रीम कोर्ट ने जदयू से निष्कासित पूर्व विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू, रवींद्र राय, नीरज कुमार बबलू और राहुल शर्मा को बड़ी राहत दी है. मंगलवार को न्यायाधीश टीएस ठाकुर की अध्यक्षतावाले तीन सदस्यीय खंडपीठ ने पटना हाइकोर्ट के दो सदस्यीय खंडपीठ के उस आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी, जिसमें इनकी सदस्यता बहाल करने […]
पटना: सुप्रीम कोर्ट ने जदयू से निष्कासित पूर्व विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू, रवींद्र राय, नीरज कुमार बबलू और राहुल शर्मा को बड़ी राहत दी है. मंगलवार को न्यायाधीश टीएस ठाकुर की अध्यक्षतावाले तीन सदस्यीय खंडपीठ ने पटना हाइकोर्ट के दो सदस्यीय खंडपीठ के उस आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी, जिसमें इनकी सदस्यता बहाल करने के एकलपीठ के आदेश को रद्द किया गया था.
सुप्रीम कोर्ट के ताजा आदेश के बाद इन चारों पूर्व विधायकों को तीन अगस्त से शुरू हो रहे विधानसभा के मॉनसून सत्र में भाग लेने का अवसर मिल सकेगा. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें सत्र में भाग लेने की अनुमति दे दी है. लेकिन, उनके वेतन के मामले पर याचिका निष्पादन के दौरान निर्णय लिया जायेगा. कोर्ट के निर्देश के अनुसार चारों विधायकों को आर्थिक मोरचे पर कोई लाभ नहीं मिल सकेगा. साथ ही इस सत्र में इन्हें किसी भी मसले पर वोट करने का अधिकार नहीं होगा. सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई जनवरी, 2016 में होगी.
सुप्रीम कोर्ट के इस निर्देश के बाद चारों विधायकों ने खुशी का इजहार किया है. ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू पटना जिले के बाढ़, रवींद्र राय वैशाली जिले के महुआ, राहुल शर्मा जहानाबाद के घोसी और नीरज कुमार बबलू सुपौल जिले के छातापुर से 2010 के विधानसभा चुनाव में निर्वाचित हुए थे. सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से चार अन्य पूर्व विधायकों को उम्मीद जगी है, जिनकी सदस्यता समाप्त हो गयी है. इनमें पूनम देवी, सुरेश चंचल, राजू कुमार सिंह और अजीत कुमार के नाम हैं. इनकी सदस्यता खत्म करने की अधिसूचना भी विधानसभा सचिवालय ने जारी कर दी है. अभी इनकी अपील याचिका पटना हाइकोर्ट में लंबित है.
उदय नारायण चौधरी, अध्यक्ष बिहार विधान सभा
हम कोर्ट के आदेश का सम्मान करेंगे. कोर्ट का आदेश अभी मुङो नहीं मिला है. जहां तक मौखिक जानकारी मिली है, उसके मुताबिक चारों पूर्व सदस्यों को सत्र की कार्यवाही में भाग लेने को कोर्ट ने अनुमति दी है. इस अवधि का उन्हें कोई आर्थिक लाभ नहीं मिलेगा और उन्हें किसी भी मसले पर वोट देने का अधिकार नहीं होगा.
डेट लाइन
02 जून, 2014 राज्यसभा चुनाव की अधिसूचना
09 जून, 2014 नामांकन का अंतिम दिन, दो निर्दलीय उम्मीदवारों का नामांकन
19 जून, 2014 राज्यसभा की तीन सीटों के लिए मतदान, जदयू के 18 बागियों ने किया पार्टी उम्मीदवार के खिलाफ मतदान
19 जून, 2014 जदयू के तीनों अधिकृत उम्मीदवार शरद यादव, मौलाना गुलाम रसुल बलियावी और पवन कुमार वर्मा निर्वाचित
25 जुलाई,2014 बागी विधायकों के खिलाफ विधानसभाध्यक्ष की कोर्ट में सुनवाई
02 अगस्त,2014 बागी विधायकों के खिलाफ विधानसभाध्यक्ष की कोर्ट में सुनवाई
07 अगस्त,2014 बागी विधायकों के खिलाफ विधानसभाध्यक्ष की कोर्ट में सुनवाई
08 अगस्त,2014 बागी विधायकों के खिलाफ विधानसभाध्यक्ष की कोर्ट में सुनवाई
20 अगस्त,2014 बागी विधायकों के खिलाफ विधानसभाध्यक्ष की कोर्ट में सुनवाई
21 अगस्त,2014 बागी विधायकों के खिलाफ विधानसभाध्यक्ष की कोर्ट में सुनवाई
25 अगस्त,2014 बागी विधायकों के खिलाफ विधानसभाध्यक्ष की कोर्ट में सुनवाई
27 अगस्त,2014 बागी विधायकों के खिलाफ विधानसभाध्यक्ष की कोर्ट में सुनवाई
28 अगस्त,2014 बागी विधायकों के खिलाफ विधानसभाध्यक्ष की कोर्ट में सुनवाई
01 सितंबर, 2014 बागी विधायकों के खिलाफ विधानसभाध्यक्ष की कोर्ट में सुनवाई
06 सितंबर, 2014 बागी विधायकों के खिलाफ विधानसभाध्यक्ष की कोर्ट में सुनवाई
13 सितंबर,2014 बागी विधायकों के खिलाफ विधानसभाध्यक्ष की कोर्ट में सुनवाई
01 नवंबर, 2014 बागी विधायकों के खिलाफ विधानसभाध्यक्ष की कोर्ट का फैसला
06 जनवरी, 2015 पटना उच्च न्यायालय के एकल पीठ का फैसला, स्पीकर कोर्ट का फैसला निरस्त
क्या है आदेश
विधानसभा के मॉनसून सत्र में ले सकेंगे भाग
नहीं मिलेगा कोई आर्थिक लाभ
सत्र के दौरान किसी मसले में वोट देने का अधिकार नहीं होगा
याचिका पर फैसले के बाद वेतन पर निर्णय
जनवरी, 2016 में अगली सुनवाई
कोर्ट-दर-कोर्ट चलती रही सुनवाई
जानकारी के अनुसार, जून, 2014 में हुए राज्यसभा उपचुनाव में पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ निर्दलीय प्रत्याशी खड़ा करने, उनका प्रस्तावक बनने व उन्हें वोट करने की अपील करने के आधार पर विधानसभा अध्यक्ष के कोर्ट ने एक नवंबर, 2014 को ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू, नीरज कुमार बबलू, रवींद्र राय और राहुल शर्मा की सदस्यता समाप्त कर दी थी. स्पीकर के कोर्ट के फैसले के खिलाफ चारों विधायकों ने हाइकोर्ट में याचिका दायर की. एकलपीठ ने स्पीकर के फैसले को निरस्त कर दिया. एकलपीठ की फैसले के खिलाफ विधानसभा सचिवालय ने हाइकोर्ट के डबल बेंच में अपील याचिका दायर की. अपील याचिका की सुनवाई के बाद डबल बेंच ने एकलपीठ के आदेश को रद्द कर दिया. डबल बेंच के फैसले के खिलाफ चारों विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील याचिका दायर की थी.