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जयप्रभा की खाली जमीन पर खुलेगा मेदांता हॉस्पिटल

पटना: कंकड़बाग में जयप्रभा अस्पताल परिसर की खाली पड़ी जमीन पर प्रसिद्ध मेदांता हॉस्पीटल खोले जाने का रास्ता साफ हो गया है. गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग में इससे जुड़ी फाइनेंसियल बिड खोली गयी, जिसमें मेदांता ने अपोला अस्पताल को पछाड़ते हुए बाजी मारा. मेदांता को हॉस्पिटल के लिए सात एकड़ जमीन 33 सालों की लीज […]

पटना: कंकड़बाग में जयप्रभा अस्पताल परिसर की खाली पड़ी जमीन पर प्रसिद्ध मेदांता हॉस्पीटल खोले जाने का रास्ता साफ हो गया है. गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग में इससे जुड़ी फाइनेंसियल बिड खोली गयी, जिसमें मेदांता ने अपोला अस्पताल को पछाड़ते हुए बाजी मारा. मेदांता को हॉस्पिटल के लिए सात एकड़ जमीन 33 सालों की लीज पर दी गयी है. इसके एवज में हॉस्पिटल सरकार को सालाना तीन करोड़ रुपये देगा.

इसके साथ ही सरकारी अस्पताल से रेफर 25 प्रतिशत मरीजों का इलाज सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (सीजीएसएस) की दर पर किया जायेगा. विभागीय सूत्रों के मुताबिक खोले गये बिड में अपोलो ने सरकार को हर साल 51 लाख देने की बात कही थी, लेकिन मेदांता का हर साल तीन करोड़ था. इस कारण से बिड मेदांता के हक में फाइनल कर दिया गया है. जिस दिन हॉस्पिटल के नाम पर जमीन का एलॉटमेंट होगा, उस दिन से ढाई साल के भीतर हॉस्पिटल को बना लेना है.

फ्लैश बैक. जमीन पर फंसा था पेच
एक साल पहले भी एक बार मेदांता को आइजीआइएमएस परिसर में जमीन देने पर बात हुई थी, लेकिन इस बात की चर्चा जैसे ही डॉक्टरों के बीच में शुरू हुई, इसका विरोध शुरू हो गया और मामला बीच में फंस गया. इसके बाद हाजीपुर में भी जमीन देने की बात हुई, लेकिन ट्रैफिक को देखते हुए वहां हॉस्पिटल ने जमीन नहीं ली थी.
आगे क्या. कैबिनेट में जायेगी फाइल
विभाग में मेदांता के लिए फाइनेंसियल बिड फाइनल होने के बाद अब फाइल आइडीए, इम्पावर्ड कमेटी और उसके बाद कैबिनेट में जायेगी. जहां से स्वीकृति मिलने के बाद हॉस्पिटल को 33 साल के लिए जमीन दे दी जायेगी.
नहीं हटेगा जयप्रभा हॉस्पिटल
जयप्रभा हॉस्पिटल की खाली जमीन पर जो भी हॉस्पिटल खुलेगा उसका असर ब्लड बैंक और हॉस्पिटल पर नहीं पड़ेगा. दोनों अस्पतालों को छोड़ कर ही हॉस्पिटल को जमीन दी जायेगी. यह बात दोनों हॉस्पिटल को विभाग की ओर से बतायी गयी.
सभी विभाग सुपर स्पेशियलिटी
मेदांता खुलने के बाद मरीजों को उन सभी सुपर स्पेशियलिटी विभाग का लाभ मरीजों को मिलेगा, जिसके लिए वह बिहार से बाहर जाते थे. हॉस्पिटल में हर तरह का ट्रांसप्लांट होगा. कार्डियोलॉजी, यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, न्यूरोलॉजी, गैस्ट्रो इंट्रोलॉजी, प्लास्टिक सजर्री सहित अन्य सुपर स्पेशयलिटी सुविधाएं मिलेंगी. फिलहाल इनसे जुड़ी बीमारियों में गंभीर स्थिति पैदा होने पर लोग एयर एंबुलेंस से लाखों रुपये खर्च मरीज को मेदांता ले जाते हैं. पटना में मेदांता बनने पर उनको यह सारी सुविधाएं राजधानी में ही मिल जायेगी. जानकारी के मुताबिक सात एकड़ में बनने वाला हॉस्पिटल छह फ्लोर का होगा. हॉस्पिटल का निर्माण मेदांता प्रबंधक अपने मुताबिक करायेंगे और वहां कौन-कौन से डॉक्टर रहेंगे और कहां डॉक्टरों को लायेंगे. यह पूरा काम वह खुद करेंगे. इसमें बिहार सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं होगा.

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