मेयर को लेकर कयास का दौर शुरू, किसके सिर सजेगा ताज?
पटना: अविश्वास प्रस्ताव की पटकथा समाप्ति के बाद अब नगर निगम के मेयर पद पर कयास का दौर शुरू हो गया है. राज्य निर्वाचन आयोग तीस दिनों में चुनाव की तारीख की घोषणा करेगा. उसके पहले सब ओर से एक ही सवाल आयेगा कि अब किसके सिर मेयर का ताज सजेगा? कौन किसके पक्ष में […]
पटना: अविश्वास प्रस्ताव की पटकथा समाप्ति के बाद अब नगर निगम के मेयर पद पर कयास का दौर शुरू हो गया है. राज्य निर्वाचन आयोग तीस दिनों में चुनाव की तारीख की घोषणा करेगा. उसके पहले सब ओर से एक ही सवाल आयेगा कि अब किसके सिर मेयर का ताज सजेगा? कौन किसके पक्ष में है और कौन विरोध में? सवाल यह भी होंगे कि क्या अफजल इमाम को धोखा देने वाले पार्षद दूसरे गुट में जाने के बाद क्या वहां भी पलटी मारेंगे? इन तीस दिनों में बिहार नगरपालिका अधिनियम की कई धाराओं पर चर्चा होगी. धाराओं के मुताबिक कौन चुनाव लड़ने के काबिल होगा और कौन अयोग्य? इस पर भी विमर्श होगा.
72 पार्षदों में 16 अति पिछड़ा पार्षद
यह तय है कि पटना नगर निगम के मेयर का ताज किसी अति पिछड़ा वर्ग के पार्षद के ही सिर सजेगा. पद अति पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित है. अभी निगम में 72 पार्षदों में 16 अति पिछड़ा वर्ग से आते हैं. इस कारण पार्षद चुनाव तक लगातार लाइम लाइट में रहेंगे. इनके इर्द-गिर्द ही सारे समीकरण बनते और बिगड़ते नजर आयेंगे. पहले अति पिछड़ा वर्ग के पार्षदों की संख्या चौदह थी, लेकिन सरकार द्वारा तेली जाति को अति पिछड़ा में शामिल करने के बाद इनकी संख्या में वृद्धि हो गयी है. अब इनकी संख्या 16 हो गयी है.
मेयर की दौड़ में कई नाम
मेयर पद की दौड़ में कई नाम सामने आ रहे हैं. इसमें वार्ड 2 के दीपक कुमार चौरसिया, वार्ड 39 के पार्षद और पूर्व महापौर संजय कुमार, वार्ड 25 के पार्षद अशोक ठाकुर, वार्ड 38 की पार्षद सुषमा साहू और वार्ड एक के पार्षद संजय कुमार सिंह का नाम चल रहा है. हालांकि विजयी गुट कह रहा है कि किसी भी नाम पर कोई बात नहीं हो रही है. निर्णय मिल बैठ कर होगा.