शहर हो या गांव, हर घर में हो शौचालय : नीतीश
पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि शहर हो या फिर गांव, हर घर में शौचालय बनना चाहिए. इसके लिए राज्य सरकार ने राशि भी बढ़ा दी है. राज्य मद से पहले जो 1,333 रुपये दिये जाते थे, अब 8000 रुपये दिये जायेंगे और केंद्र सरकार के 4000 रुपये मिला कर एक शौचालय लगाने के […]
पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि शहर हो या फिर गांव, हर घर में शौचालय बनना चाहिए. इसके लिए राज्य सरकार ने राशि भी बढ़ा दी है. राज्य मद से पहले जो 1,333 रुपये दिये जाते थे, अब 8000 रुपये दिये जायेंगे और केंद्र सरकार के 4000 रुपये मिला कर एक शौचालय लगाने के लिए 12000 रुपये हो जायेंगे. इसमें शहर में भी शौचालय बन सकेगा.
वह शुक्रवार को संवाद में लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के 625 करोड़ की 415 ग्रामीण जलापूर्ति परियोजनाओं के उद्घाटन व शिलान्यास समारोह को संबोधित कर रहे थे. इस मौके पर सीएम ने मधुबनी के झंझारपुर में बने शौचालय के मॉडलों सुसज्जित एक पार्क का ऑनलाइन उद्घाटन किया.
समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि मॉडल टिकाऊ शौचालयों का अधिक-से-अधिक प्रचार हो. उन्होंने कहा कि शौचालय निर्माण के लिए लाभार्थियों को कूपन दिया जा रहा है. इससे वे शौचालय के मनपसंद मॉडल का चयन कर सकेंगे. इसमें राशि का भटकाव भी नहीं होगा. शौचालय का जो भी दरवाजा दिया जाये, वह मजबूत हो. उन्होंने कहा कि शौचालय के उपयोग के लिए लोगों को आदत बदलनी होगी. लोगों को अब भी खुले में शौच करने की भी आदत है. घर में शौचालय होते हुए लोगों को कोई बहाना मिला, तो वे खेत की ओर चल देते हैं. उन्होंने कहा कि आदत ऐसी चीज है कि अगर चापाकल सरकार ने लगाया है और उसका एक नट टूट जाता है, तो लोग उसे ठीक नहीं कराते हैं. कहते हैं कि सरकार ने लगाया है वही ठीक करायेगी.
सफल नहीं हो सकती सामुदायिक शौचालय योजना
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की सामुदायिक शौचालय योजना सफल नहीं हो सकती है. शौचालय पारिवारिक व निजी होना चाहिए. सामुदायिक शौचालय होने से उसका मेंटेनेंस व सफाई लगातार नहीं हो सकती है. इसके लिए हमने नीति आयोग में भी अपना पक्ष रख दिया है. अगर लोगों के पास जमीन नहीं है, वहां सामुदायिक शौचालय बनायी जाये और उसकी सफाई व मेंटेनेंस की व्यवस्था करायी जाये.