गांव-घर की निरक्षर महिलाएं पढ़ेंगी ककहरा
पटना: शब्द-शब्द गढ़ना है, हर औरत को पढ़ना है. अनपढ़ बहना लजाती है, जगह-जगह ठगाती है. आंचल में अक्षर की धारा, कर देगी जग को उजियारा. अपने पढ़ी दूल्हा के पतिया, केहू ना जाने पराइवेट बतिया. जी हां, अब ये स्लोगन गांव की अनपढ़ महिलाओं के लिए वरदान साबित होने जा रहे हैं. जीविका व […]
पटना: शब्द-शब्द गढ़ना है, हर औरत को पढ़ना है. अनपढ़ बहना लजाती है, जगह-जगह ठगाती है. आंचल में अक्षर की धारा, कर देगी जग को उजियारा. अपने पढ़ी दूल्हा के पतिया, केहू ना जाने पराइवेट बतिया. जी हां, अब ये स्लोगन गांव की अनपढ़ महिलाओं के लिए वरदान साबित होने जा रहे हैं.
जीविका व जन शिक्षा की पहल पर गांव घर की निरक्षर महिलाओं को शिक्षित किया जाना है. इसकी शुरुआत सूबे के स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से की जा रही है. महिला सशक्तीकरण के तहत अब उन्हें न केवल जीविका के क्षेत्र में सशक्त किया जा रहा है, बल्कि उन्हें अक्षर ज्ञान भी दिया जाना है.
12 लाख महिलाओं को साक्षर का लक्ष्य
महादलित, अल्पसंख्यक व अति पिछड़ा वर्ग अक्षर आंचल योजना के तहत सूबे की 12 लाख महिलाओं को साक्षर करने के लक्ष्य के साथ-साथ अब बिहार के 3,76,949 स्वयं सहायता समूह को साक्षर किया जाना है. इससे बिहार के 45,28,388 परिवारों की महिलाएं व युवतियां साक्षर हो सकेंगी.
ग्राम संगठन को साक्षर करने की जिम्मेवारी
इस कार्य का संचालन ग्राम संगठन के जरिये किया जाना है. जीविका द्वारा गठित 15,283 ग्राम संगठन महिलाओं को साक्षर करेंगे. इस कार्य में अक्षर आंचल योजना में लगे 30 हजार प्रेरकों और स्वयंसेवकों की मदद लेंगे. इसके जरिये अलग-अलग जिलों में गठित स्वयं सहायता समूह की महिलाओं का ग्रुप बना उन्हें प्रशिक्षित किया जायेगा. इस कार्य में जन शिक्षा की ओर से पठन व लेख सामग्रियां मुहैया करायी जायेंगी. ग्रुप में पढ़ी-लिखी दीदी अन्य महिलाओं को साक्षर करेंगी.
तीन समूह बना कर होगी पढ़ाई
शुरुआती स्तर में महिलाओं को अक्षर व शब्द ज्ञान दिया जायेगा. इसके बाद महिलाओं को तीन समूहों में बांटा जायेगा. पहले समूह में हस्ताक्षर करनेवाली, दूसरे समूह में नाम-पता लिख लेनेवाली तथा तीसरे समूह में गणितीय योग्यता रखनेवाली महिलाओं को रखा जायेगा. 20 से 65 वर्ष तक की महिलाओं को साक्षर किया जाना है. इस योजना के तहत जन शिक्षा की बुनियादी परीक्षा उत्तीर्ण करनेवाली लड़कियों व महिलाओं को तीसरी कक्षा का प्रमाण पत्र दिया जायेगा. इसके आधार पर वे आगे की पढ़ाई जारी रख सकेंगी.