पिया हमरा के अबकी झुलनिया गढ़ाई दिहा

लाइफ रिपोर्टर@पटनालोकनृत्य, लोकगीत, सूफी और वाद्ययंत्रों के मेल के अद्भुत एहसास को लोग महसूस कर रहे थे. सैकड़ों की संख्या में लोग खादी एवं सरस महोत्सव के सांस्कृतिक दीर्घा में मौजूद थे. बुधवार को शाम के छह बजे से इस कार्यक्रम की शुरुआत की गयी. यहां पर गायकों और नृतांगनाओं ने संगतकार के वाद्यशैली पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 22, 2015 10:06 PM

लाइफ रिपोर्टर@पटनालोकनृत्य, लोकगीत, सूफी और वाद्ययंत्रों के मेल के अद्भुत एहसास को लोग महसूस कर रहे थे. सैकड़ों की संख्या में लोग खादी एवं सरस महोत्सव के सांस्कृतिक दीर्घा में मौजूद थे. बुधवार को शाम के छह बजे से इस कार्यक्रम की शुरुआत की गयी. यहां पर गायकों और नृतांगनाओं ने संगतकार के वाद्यशैली पर बेहतरीन नृत्य पेश किया. पूरे महोत्सव में घूम रहे लोगों की संख्या के आधे लोग इस दीर्घा में मौजूद हो चुके थे. यह थी प्रस्तुति कार्यक्रम की शुरुआत पूनम सिन्हा द्वारा गाये हुए गीत से हुई. उन्होंने हारमोनियम पर ब्रज बिहारी मिश्र और नाल पर कुमार ऋषिराज के संगत के साथ बेहतरीन गायिकी को पेश किया. उन्होंने ‘राजा हो मोरे धानी रंग चुनरी रंगा द’ गीत को गाया. उसके बाद खुद ब्रज बिहारी मिश्र ने लोगों को सूफी और लोकगीत सुनाया, इनके साथ नाल पर ऋषिराज संगत कर रहे थे. इस प्रस्तुति के बाद उद्योग मंत्री श्याम रजक का जन्मदिन मनाया गया. उन्होंने शहर में नि:शक्त बच्चों के लिए काम कर रही एक संस्था के बच्चों के साथ केक काटा. उसके बाद झूमर नृत्य प्रस्तुत किया गया. झूमर नृत्य के बोल ‘ए अम्मा नींद कैसे होई रे’ पर सोनाली, तान्या, लवली और निशा ने नृत्य किया. इस प्रस्तुति के बाद ‘पिया हमरा के अबकी झुलनिया गढ़ाई दिहा’ बोल पर युगल नृत्य, जट-जटिन नृत्य की भी प्रस्तुति हुई. इस मौके पर मंत्री श्याम रजक के साथ उपेन्द्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान के उपविकास पदाधिकारी अशोक कुमार सिन्हा भी मौजूद थे.

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