पटना: राज्य में 2000 जूनियर इंजीनियरों की नियुक्ति परीक्षा में 186 उत्तर पुस्तिकाओं में हेराफेरी की गयी थी. राज्य कर्मचारी चयन आयोग द्वारा ली गयी इस परीक्षा की कॉपियों की जांच कर रही पुलिस मुख्यालय की एफएसएल रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है. एफएसएल ने अपनी रिपोर्ट बुधवार को पटना हाइकोर्ट को सौंप दी है. न्यायाधीश मिहिर कुमार झा के कोर्ट ने कर्मचारी चयन आयोग से दो सप्ताह में यह बताने को कहा है कि इस परीक्षा का परिणाम रद्द करेंगे या नहीं?
मनोज कुमार और रविभूषण कुमार की लोकहित याचिका की सुनवाई करते हुए कोर्ट में एफएसएल रिपोर्ट की चर्चा भी हुई. रिपोर्ट में तीन आवेदकों के नामों की चर्चा की गयी. एक कॉपी में पांच अंक आये थे, जिसे बदल कर 100 कर दिया गया था. इसी प्रकार राजेश कुमार नाम के आवेदक की कॉपी में 11 अंक की जगह ओएमआर में 100 और श्याम बिहारी की कॉपी में 31 की जगह ओएमआर में 100 अंकित किया गया है.
कोर्ट को बताया गया कि कर्मचारी चयन आयोग ने इस मामले में अपने यहां पदस्थापित दो संयुक्त निदेशक राजेश कुमार और अकील जुबेर हाशमी के खिलाफ कार्रवाई और मुकदमा चलाने के लिए अभियोजन की स्वीकृति के लिए सामान्य प्रशासन विभाग को लिखा गया है. लेकिन, अब तक विभाग ने इसकी अनुमति नहीं दी है.
क्या है मामला
राज्य कर्मचारी चयन आयोग ने 2011 में जूनियर इंजीनियरों के 2030 पदों के लिए विज्ञापन जारी किया था. इसमें 1988 सिविल और 42 मेकैनिकल इंजीनियर के पद शामिल थे. 20 जनवरी, 2013 को इसके परिणाम घोषित किये गये. आर्थिक अपराध इकाई में 20 जनवरी, 2013 को केस दर्ज किया गया. बड़े पैमाने पर उत्तर पुस्तिकाओं में हेराफेरी के आरोप लगाते हुए 23/12 मुकदमा दर्ज किया गया था. पटना हाइकोर्ट ने इसे गंभीर मानते हुए एफएसएल को उत्तर पुस्तिकाओं की जांच कर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया था.