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राजद के बिहार बंद पर सरकार को हाइकोर्ट की फटकार, मुख्य सचिव एक सप्ताह बाद रखेंगे सरकार का पक्ष

पटना : राजद के बिहार बंद पर पटना हाइकोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगायी है. बंद के दौरान सड़कों पर यातायात को बाधित किये जाने से कई न्यायाधीश समय पर कोर्ट नहीं पहुंच पाये.न्यायाधीश राकेश कुमार भी बंद के करण 25 मिनट देर से कोर्ट पहुंचे. बंद के दौरान यातायात बाधित होने पर नाराज […]

पटना : राजद के बिहार बंद पर पटना हाइकोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगायी है. बंद के दौरान सड़कों पर यातायात को बाधित किये जाने से कई न्यायाधीश समय पर कोर्ट नहीं पहुंच पाये.न्यायाधीश राकेश कुमार भी बंद के करण 25 मिनट देर से कोर्ट पहुंचे. बंद के दौरान यातायात बाधित होने पर नाराज कोर्ट ने मुख्य सचिव को सप्ताह भर में रिपोर्ट देने को कहा है.न्यायाधीश राकेश कुमार ने सोमवार को बंद पर सुनवाई की. पहले महाधिवक्ता रामबालक महतो को तलब किया गया. वह उपलब्ध नहीं हुए, तो अपर प्रधान महाधिवक्ता ललित किशोर बुलाये गये. उनकी मौजूदगी में सुनवाई शुरू हुई. मुख्य सचिव एक सप्ताह बाद सरकार का पक्ष रखेंगे.
न्यायाधीश ने इस दौरान अपनी आपबीती भी कोर्ट में सुनायी. न्यायाधीश ने कहा कि घर से जब हाइकोर्ट के लिए चले, तो पहली बार मुङो कहीं पुलिस का नामोनिशान नहीं दिखा. अराजक स्थिति बनी हुई थी. पहली बार किसी भी जज के साथ स्कॉर्ट पार्टी नजर नहीं आयी. वकीलों को भी काफी फजीहत ङोलनी पड़ी. जिनका केस अदालत में लगा हुआ था, वह समय पर नहीं पहुंच पाये.
इनका जिम्मेवार कौन होगा? न्यायाधीश ने कहा कि उनकी गाड़ी को बंद समर्थकों ने हड़ताली मोड़ पर रोक दिया. उन्हें आगे बढ़ने नहीं दिया गया. जब हम दारोगा प्रसाद राय पथ की ओर मुड़े, तो उधर से भी गाड़ी को रोका गया. तीसरी बार उन्होंने मिलर स्कूल की ओर से कोर्ट पहुंचने की कोशिश की, जिसमें वह सफल रहे. न्यायाधीश ने कहा उनके जैसे कई न्यायाधीश बंद के कारण विलंब से कोर्ट पहुंचे. इस मामले को स्वत: संज्ञान लेते हुए कोर्ट से सरकार से पूछा कि कहीं बंद को सरकार का मौन समर्थन तो नहीं है. कोर्ट ने कहा, बंद का समर्थन और इस दौरान तांडव सही बात नहीं है.
यह पब्लिक लॉस है, इसका जिम्मेवार कौन होगा? कोर्ट ने कहा कि बंद का एलान करनेवाले नेता तो सजायाफ्ता हैं. उनके कहने पर बंद का समर्थन किया जाना दूर्भाग्यपूर्ण है. इसी बीच वकील अवधेश कुमार पांडेय ने कहा कि मुङो भी कोर्ट पहुंचने में बंद के कारण विलंब हुआ. मुख्य सचिव एक सप्ताह बाद सरकार का पक्ष रखेंगे.
आज फिर होगी सुनवाई
पटना : पटना हाइकोर्ट ने ‘आगे बढ़ चला बिहार’ और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शहर में होर्डिग्स व पोस्टर लगाये जाने पर सरकार को नोटिस जारी किया है. मुख्य न्यायाधीश एल नरसिम्हा रेड्डी और न्यायाधीश अंजना मिश्र के खंडपीठ ने सरकार को मंगलवार को जवाब देने को कहा है.
खंडपीठ के समक्ष याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि जदयू ने चार सौ ट्रक खरीदे हैं और उन्हें प्रचार के लिए भेजा है. सरकारी पैसे से शहर में बड़ी-बड़ी होर्डिग्स लगायी गयी हैं. यह आम लोगों के पैसे का दुरुपयोग है. इस पर रोक लगायी जानी चाहिए.
याचिकाकर्ता के वकील ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने होर्डिग्स पर किसी भी राजनेता की तसवीर लगाने से मना किया है. इसमें राष्ट्रपति और चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया की तसवीर लग सकती है. खंडपीठ ने अपर प्रधान महाधिवक्ता को कोर्ट में तलब कर उनसे जवाब देने को कहा. प्रधान अपर महाधिवक्ता ने कहा कि होर्डिग्स पर पैसा जदयू का खर्च किया जा रहा है.
इस पर कोर्ट ने कहा कि जितने भी पैसे इस पर खर्च हो रहे हैं, वह दुरुपयोग है. जिस राज्य में बिजली, सड़क, शिक्षा और आधारभूत सुविधाओं के लिए पैसे नहीं हैं, वहां इन सब चीजों पर पैसे बहाये जा रहे हैं. कोर्ट ने सरकार को मंगलवार को जवाब देने को कहा है. मंगलवार को पुन: इस मामले की सुनवाई होगी.
जातिगत जनगणना रिपोर्ट जारी करने की मांग को लेकर सोमवार को राजद का बिहार बंद का मिला-जुला असर दिखा. बंद को जदयू ने भी समर्थन दिया था. पटना में सड़क पर उतरे बंद समर्थकों की अगुआई खुद राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने की. पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया. शाम में उन्हें छोड़ा गया.

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