पीएमसीएच : ओटी बना, पर नहीं होता एचआइवी का ऑपरेशन

पटना : मंगलवार को एचआइवी पीड़ित इलाज के लिए पीएमसीएच के ऑर्थो विभाग पहुंचा,जहां उसे भरती नहीं किया गया. परेशान मरीज ने जब उपाधीक्षक सुधांशु सिंह से शिकायत की, तो उनको बुधवार को दोबारा से मेडिसिन में दिखाने को कहा गया है. जानकारी के मुताबिक इस मरीज को दो साल पहले चोट लगी थी और […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 29, 2015 6:49 AM
पटना : मंगलवार को एचआइवी पीड़ित इलाज के लिए पीएमसीएच के ऑर्थो विभाग पहुंचा,जहां उसे भरती नहीं किया गया. परेशान मरीज ने जब उपाधीक्षक सुधांशु सिंह से शिकायत की, तो उनको बुधवार को दोबारा से मेडिसिन में दिखाने को कहा गया है. जानकारी के मुताबिक इस मरीज को दो साल पहले चोट लगी थी और उसके बाद अब जाकर उसकी परेशानी बढ़ गयी है. उसके स्पाइनल कोड के पास घाव जैसा बन गया है, जिसके इलाज के वह पीएमसीएच गया था.
अस्पताल प्रशासन की ओर से एचआइवी मरीजों के लिए अलग से ओटी भी बनाया गया है. बावजूद इसके ऑपरेशन करने में डॉक्टरों को परेशानी होती है और मरीजों को भरती नहीं लेते है.
गाइडलाइन : सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार एड्स मरीजों का इलाज करने से कोई डॉक्टर मना नहीं कर सकता है. इसके लिए कड़े कानून बनाये गये हैं. जिसके माध्यम से संबंधित डॉक्टर की नौकरी जा सकती है और कानूनी कार्रवाई भी होगी. ऐसे मरीज मानवाधिकार आयोग भी जा सकते हैं,जहां शिकायत करने पर डॉक्टर के खिलाफ मामला दर्ज होगा.
मंगलवार को ऑर्थो में मरीज को लेकर गया था. लेकिन उसे न देखा गया और न ही भरती किया गया. जिसके बाद उपाधीक्षक के पास गये. जहां से आश्वासन मिला है कि मरीज का हर इलाज किया जायेगा, जो परिसर में होता है.
ज्ञान रंजन, अध्यक्ष, नेटवर्क फोर पीपुल लिविंग विथ एचआइवी एड्स सोसाइटी, पटना
एचआइवी मरीजों का इलाज परिसर में होता है. ऐसे मरीजों के लिए अलग से ओटी भी बनाया गया है. मंगलवार को जो मामला आया है, उसमें यह मामला ऑर्थो का नहीं है. उसे न्यूरो सजर्री में भरती होना होगा, लेकिन, उसके पहले मेडिसिन में दिखाना पड़ेगा. जिसके बारे में मरीज को बताया गया है. क्योंकि यह चोट पुरानी है और पहले बीमारी को समझना जरूरी है.
डॉ सुधांशु सिंह, उपाधीक्षक, पीएमसीएच

Next Article

Exit mobile version