कुछ नहीं कर रही केंद्र सरकार : राजीव

पटना : जदयू के प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि केंद्र सरकार सिर्फ झूठा आश्वासन देने और जुमलेबाजी करने के अलावा कुछ नहीं है. विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही बिहार के केंद्र में आठों मंत्री समेत कई मंत्री बिहार आ रहे हैं और रेवड़ियां बांट रहे हैं. केंद्रीय राज्य मंत्री राजीव प्रताप रूडी इन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 30, 2015 6:53 AM
पटना : जदयू के प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि केंद्र सरकार सिर्फ झूठा आश्वासन देने और जुमलेबाजी करने के अलावा कुछ नहीं है. विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही बिहार के केंद्र में आठों मंत्री समेत कई मंत्री बिहार आ रहे हैं और रेवड़ियां बांट रहे हैं. केंद्रीय राज्य मंत्री राजीव प्रताप रूडी इन दिनों कौशल विकास का खूब हल्ला कर रहे हैं.
मगर यह भी झूठ के अलावा कुछ और नहीं है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय राज्य मंत्री ने घोषणा की है कि हर लोकसभा क्षेत्र में कौशल विकास केंद्र खोला जायेगा. अगले सात साल में 40 करोड़ लोगों को कौशल विकास प्रशिक्षण दिया जायेगा.
बिहार में इसमें से सवा तीन करोड़ लोगों का कौशल विकास प्रशिक्षण होगा. प्रशिक्षण के लिए आठ सालों में आठ करोड़ रुपये खर्च करना होगा. हर साल एक लाख करोड़ खर्च होने हैं, लेकिन इस साल केंद्र की सरकार ने इस योजना के लिए 1500 करोड़ रुपये ही खर्च के लिए रखे गये हैं.
बड़ी कंपनियों को लाभ पहुंचा रहे संचार मंत्री
पटना : जदयू के प्रवक्ता निहोरा प्रसाद यादव ने कहा है कि केंद्र की भाजपा सरकार और इसके दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद डिजिटल इंडिया के नाम पर देश की जनता को हसीन सपना दिखा रहे हैं.
देश में बदहाल दूरसंचार सेवाओं में सुधार लाये बिना ये नयी परियोजनाओं के नाम पर केवल बड़ी कंपनियों को फायदा पहुंचाने का काम कर रहे हैं.
देश के दूरसंचार उपभोक्ता घटिया सेवा व सीमित क्षेत्र में ही इसकी उपलब्धता से दुखी हैं.आज भी देश के लगभग अधिकांश सुदूरवर्ती इलाकों में संचार सेवाओं की पहुंच नहीं है. सरकारी कंपनी बीएसएनएल का और न ही किसी मोबाइल कंपनी की सेवा ठीक प्रकार से चल रही है.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने डिजिटल इंडिया मिशन के तहत ढाई लाख पंचायतों को ब्रांड बैंड इंटरनेट से जोडने का लक्ष्य रखा है. इस साल मार्च तक इसके तहत 50 हजार पंचायतो को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा जाना था. पर अभी तक यह काम नहीं हो पाया है .
सरकार के पास इसे करने का कोई रोड मैप भी नहीं है. ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार केवल अपने मंत्रियों की बयानबाजी से ही काम चलाना चाहती है. इस प्रकार जनता को कोई कितने समय तक धोखा दे सकता है?

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