पंच-सरपंच महासंघ का आरोप

पटना : राज्य की ग्राम कचहरियों को अभी तक मान-सम्मान का इंतजार है. आधे जिलों के सरपंचों को न्याय पगड़ी नहीं मिली. विधान परिषद की स्थानीय प्राधिकार कोटे से होनेवाले चुनाव में भी कचहरियों को अधिकार नहीं मिला. विधान परिषद सदस्यों के चुनाव में मताधिकार का प्रयोग नहीं मिलने को लेकर पंच-सरपंच महासंघ का मानना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 31, 2015 2:19 AM
पटना : राज्य की ग्राम कचहरियों को अभी तक मान-सम्मान का इंतजार है. आधे जिलों के सरपंचों को न्याय पगड़ी नहीं मिली. विधान परिषद की स्थानीय प्राधिकार कोटे से होनेवाले चुनाव में भी कचहरियों को अधिकार नहीं मिला. विधान परिषद सदस्यों के चुनाव में मताधिकार का प्रयोग नहीं मिलने को लेकर पंच-सरपंच महासंघ का मानना है कि इस मामले में केंद्र सरकार ने कचहरियों के साथ चिट किया है. ग्राम कचहरियों का दो कार्यकाल अब पूरा होनेवाला है.
प्रदेश ग्राम कचहरी पंच-सरपंच महासंघ के अध्यक्ष अमोद निराला ने बताया कि सरकार ने 15 फरवरी,14 को कचहरियों के सरपंचों को सम्मानित करने के लिए न्याय पगड़ी देने की योजना आरंभ की. अभी तक कटिहार, पूर्णिया, मधुबनी, दरभंगा, बेगूसराय, सहरसा, बक्सर, सीतामढ़ी, शिवहर, गया, औरंगाबद और जमुई जिलों में न्याय पगड़ी का वितरण ही नहीं हुआ है.
ग्राम कचहरियों की मांग को लेकर पंचायती राज मंत्री विनोद प्रसाद यादव ने बताया कि त्रिस्तरीय पंचायतों के निर्वाचित प्रतिनिधियों के लिए जब नियत मानदेय की व्यवस्था की गयी, उसमें समान रूप से ग्राम कचहरियों के निर्वाचित प्रतिनिधियों को भी शामिल किया गया. इसके अलावा सरकार ने बीमा कवरेज में भी ग्रामकचहरियों को प्रतिनिधियों को शामिल किया.
प्रशिक्षण की व्यवस्था जारी है, न्याय पगड़ी भी देने की प्रक्रिया चल रही है. सरकार के स्तर से कचहरियों को संपन्न बनाने के लिए पहल की जा रही है.
कचहरियों को दिये गये अधिकार में भी हस्तक्षेप
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानमंडल में 13 दिसंबर, 2013 को घोषणा की थी कि मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम कचहरी पुरस्कार दिया जायेगा. अभी तक इस योजना का पता नहीं है.
कचहरियों का कार्यकाल अब साढ़े चार वर्ष पूरा होने जा रहा है. छह माह बाद चुनाव कराया जाना है. इसके आधे सदस्यों को अभी तक प्रशिक्षण की व्यवस्था नहीं हो सकी है. पंच-सरपंच महासंघ की मांग थी कि राज्य स्तर पर बिहार पंचायती राज ग्राम कचहरी परामर्शदात्री समिति का कोर ग्रुप तैयार किया जाये. इस समिति के लिए हर जिले से सरपंचों की सूची भेज दी गयी है.
अभी तक इस कोर ग्रुप का गठन नहीं किया जा सका है. ग्राम कचहरियों के लिए चौकीदारों की नियुक्ति का मामला भी अभी तक लंबित है. कचहरियों को दिये गये अधिकार में अभी तक थानों का हस्तक्षेप जारी है.

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