अब थाने से ही निबटेगा साइबर क्राइम
पटना : पटना जिला में होनेवाले साइबर क्राइम के मामलों को अब थाना स्तर पर ही निबटारा किया जायेगा. साइबर क्राइम में लगातार हो रही बढ़ोतरी के कारण यह निर्णय लिया गया है. इसके लिए हर थाने में साइबर क्राइम से जुड़े मामलों के अनुसंधान के लिए एक एसआइ रैंक के पुलिस अफसर को नोडल […]
पटना : पटना जिला में होनेवाले साइबर क्राइम के मामलों को अब थाना स्तर पर ही निबटारा किया जायेगा. साइबर क्राइम में लगातार हो रही बढ़ोतरी के कारण यह निर्णय लिया गया है.
इसके लिए हर थाने में साइबर क्राइम से जुड़े मामलों के अनुसंधान के लिए एक एसआइ रैंक के पुलिस अफसर को नोडल पदाधिकारी बनाया जायेगा. उस थाने में जितने भी साइबर क्राइम से जुड़े मामले आयेंगे, सारे मामलों की जांच उक्त नोडल पदाधिकारी ही करेंगे.
नोडल पदाधिकारी को साइबर एक्सपर्ट बनाने के लिए खुद एसएसपी विकास वैभव प्रशिक्षित करेंगे. दरअसल पटना पुलिस में साइबर एक्सपर्ट की कमी है, वहीं इसके लिए कहीं भी प्रशिक्षण की समुचित व्यवस्था नहीं है. ऐसे में एसएसपी खुद इसका प्रशिक्षण देंगे. इस संबंध में एसएसपी विकास वैभव ने बताया कि साइबर क्राइम के मामले को सुलझाने के लिए हर थाने में एक नोडल पदाधिकारी की तैनाती की जायेगी. वे ऐसे मामलों की जांच करेंगे.
साइबर एक्सपर्ट हैं एसएसपी
एसएसपी साइबर के एक्सपर्ट हैं. उन्होंने 25 से 29 अगस्त, 2014 तक साउथ कोरिया के सियोल में हुए इंटरपोल वर्कशॉप में भी भाग लिया था. इस वर्कशॉप का विषय साइबर क्राइम से जुड़ा अनुसंधान था. इसमें साइबर क्राइम को रोकने के टिप्स दिये गये थे.
अभी सिर्फ साइबर क्राइम सेल कर रहा काम
वर्ष 2010 में कोतवाली थाने में पटना जिला पुलिस का साइबर क्राइम सेल खोला गया था. यह कुछ दिनों तक काम किया और फिर बंद हो गया. इसके बाद आर्थिक अपराध अनुसंधान इकाई के तहत साइबर क्राइम सेल का गठन किया गया. अब साइबर क्राइम से जुड़े मामलों को स्थानीय थानों में दर्ज किया जाता है और आवश्यकतानुसार अनुसंधान के लिए साइबर क्राइम सेल को भेजा जाता है.
सेल में फिलहाल मात्र एक एएसपी, दो एसआइ व एक कांस्टेबुल तैनात है. इतनी कम संख्या में साइबर क्राइम एक्सपर्ट सेल में होने के कारण सभी मामलों को निष्पादन सही समय पर नहीं हो पाता है.