Bihar News: दीपावली और छठ को लेकर पटना जंक्शन पर मुंबई, कोलकाता, दिल्ली सहित कई बड़े शहरों से आने वाले यात्रियों की संख्या बढ़ गयी है. ऐसे में कोरोना संक्रमण फैलने की आशंका भी अधिक है. दूसरी तरफ पटना जंक्शन पर कोरोना जांच की व्यवस्था की गयी. मगर, हर दिन बाहर से आने वाले यात्रियों में से सिर्फ एक से डेढ़ फीसदी की ही कोरोना जांच हो पा रही है. शनिवार को प्रभात खबर ने पटना जंक्शन पर कोरोना जांच की व्यवस्था की पड़ताल की तो चिंतित करने वाले तथ्य सामने आये. सुबह सात बजे से रात आठ बजे तक कुल 13 घंटे में 68 ट्रेनें (इनमें कुछ स्पेशल भी) पहुंची. उनमें से करीब 53 हजार यात्री उतरे और इस दौरान सिर्फ 835 यात्रियों की ही कोरोना जांच हो सकी.
सिर्फ मेन इंट्री गेट पर ही कोरोना जांच : जंक्शन पर मेन इंट्री गेट पूछताछ केंद्र के पास ही यात्रियों की कोरोना जांच की व्यवस्था है. यहां दो काउंटर लगाये गये हैं, जहां एक सुपरवाइजर और तीन एएनएम नर्सों की आठ-आठ घंटे की ड्यूटी है. लेकिन, यात्री दोनों एस्केलेटर इंट्री गेट व 10 नंबर प्लेटफॉर्म के रास्ते करबिगहिया छोर होते हुए आसानी से बाहर निकल रहे हैं. 99% यात्री इन संबंधित गेट की ओर से आना-जाना कर रहे हैं.
इन जगहों पर एक भी कोविड जांच के लिए काउंटर नहीं लगाये गये हैं. अप्रैल-मई में आठ काउंटर थे, अभी सिर्फ दो ही है. जांच काउंटरों की व्यवस्था देख रहे एक सुपरवाइजर ने मजबूरी बतायी – ‘जबर्दस्ती जांच नहीं कर सकते हैं, क्योंकि न तो सभी गेट बंद हैं और न ही पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती. पहले हमेशा 20 से अधिक स्टाफ रहते थे, अभी हर शिफ्ट में चार ही रहते हैं.’
सुबह सात बजे से रात आठ बजे कुल 13 घंटे में पटना जंक्शन पर 68 ट्रेन आयीं. एक ट्रेन में औसत 15 कोच है. एक बोगी से औसत 50-52 यात्री पटना जंक्शन पर उतरते हैं तो एक ट्रेन से कुल 750 से 780 यात्री पटना जंक्शन पहुंचते हैं. इस हिसाब से 13 घंटों में करीब 51 हजार से लेकर 53 हजार यात्री आये हैं. यानी बाहर से आये यात्रियों में से सिर्फ एक से डेढ़ फीसदी की ही जांच हो पा रही है.
प्लेन से आये 6385 यात्री, 42 की जांच
पटना . पटना एयरपोर्ट पर बाहर से आये 6385 हवाई यात्रियों में 42 की कोरोना जांच की गयी लेकिन इनमें एक भी पॉजिटिव नहीं मिला. ये यात्री सुबह 7.23 से शाम 7.44 के बीच देश के अलग अलग महानगरों से पटना एयरपोर्ट पर लैंड होने वाले 42 फ्लाइटों से आये थे. एयरपोर्ट पर इनकी जांच के लिए सुबह से ही एक पांच सदस्यीय टीम तैनात थी जिनमें दो लैब टेक्नीशियन, दो एएनएम और एक सहायक शामिल था. ऐसे यात्री जो बिना आरटीपीसीआर के बाहर से आ रहे थे, रैपिड टेस्ट के लिए टीम तैनात है, लेेकिन आरटीपीसीआर नहीं रखने वाले भी बिना जांच करवाये ही निकल जा रहे हैं.
Posted by: Radheshyam Kushwaha