आज रेल मंत्री करेंगे कई सुविधाओं का उद्घाटन

पटना : पटना सहित पूरे बिहार और झारखंड के यात्रियों की सुविधा के लिए शनिवार को कई सुविधाओं का उद्घाटन किया जायेगा. शनिवार को दिल्ली में जहां रेल मंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु वीडियो कॉन्फ्रेंस से उद्घाटन करेंगे, वहीं पटना से रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा हरी झंडी दिखायेंगे. साथ ही 132 किमी लंबे मानपुर तिलैया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 8, 2015 1:03 AM
पटना : पटना सहित पूरे बिहार और झारखंड के यात्रियों की सुविधा के लिए शनिवार को कई सुविधाओं का उद्घाटन किया जायेगा. शनिवार को दिल्ली में जहां रेल मंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु वीडियो कॉन्फ्रेंस से उद्घाटन करेंगे, वहीं पटना से रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा हरी झंडी दिखायेंगे.
साथ ही 132 किमी लंबे मानपुर तिलैया राजगीर बख्तियारपुर रेल खंड का विद्युत करण कार्य का उद्घाटन पाटलिपुत्र स्टेशन पर बने वीडियो कॉन्फ्रेंस पंडाल के माध्यम से किया जायेगा.
वहीं 11 बजे रेल राज्य मंत्री पटना जंकशन के करबिगहिया स्थित सुपर स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल में बने कैथ लैब का उद्घाटन करेंगे. शाम 3.45 बजे कोडरमा स्टेशन से 53.2 नवाडीह कावाड़ रेल खंड का उद्घाटन करेंगे. साथ ही कावाड़ के बीच दो जोड़ी मेमू ट्रेन को हरी झंडी दिखा कर शुभारंभ करेंगे.
आनंद तिवारी
पटना : पूर्व मध्य रेलवे के सबसे बड़े अस्पताल के तौर पर बनाये गये पटना जंकशन के सुपर स्पेशलिस्ट अस्पताल अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. यह स्थिति तब है, जब शनिवार को रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा यहां कैथ लैब का उद्घाटन करेंगे. यहां मरीजों को अब एंजियोग्राफी, एंजियो प्लास्टिक और बाइपास सजर्री की सुविधा मिलना शुरू हो जायेगी.
यह सुविधा आउटडोर व इंडोर समेत बाहरी मरीजों के लिए भी रहेगी. हालांकि बदहाली का मार ङोल रहे इस हॉस्पिटल में कई सुविधाएं ठप पड़ी हुई हैं. इससे मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं. मरीज जहां बूंद-बूंद पानी के लिए भटक रहे हैं, वहीं एक्सरे मशीन के खराब रहने व दवा के नहीं मिलने से मरीज निजी क्लिनिकों में इलाज कराने को मजबूर हैं.
मशीनों की हालत खराब
मरीजों की सुविधा के लिए यहां कुल आठ आरओ मशीनें लगायी गयी हैं. इनमें से सात मशीनें खराब हैं. इसकी वजह से शुद्ध पेयजल नहीं मिल पा रहा है और वे प्लेटफॉर्म या फिर अन्य जगहों का पानी पीते हैं. खास बात तो यह है कि अस्पताल के एमडी के कक्ष में लगी आरओ मशीन हर समय दुरुस्त रहती है, लेकिन मरीजों को देखनेवाला कोई नहीं है.
पारा मेडिकल स्टाफ की कमी
यहां पर बने 130 बेड के लिए 200
पारा मेडिकल स्टाफ का पद भरना है. लेकिन, यहां स्थायी 105 व संविदा पर 41 कुल 146 स्टाफ काम कर रहे हैं. ग्रुप डी स्टाफ की कमी के चलते मरीजों को समय पर स्ट्रेचर आदि सुविधा नहीं मिल पाती है.

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