नजमा हेपतुल्ला ने कहा, मुसलमानों को टोपी से ज्यादा रोटी की है जरूरत
जिन्होंने टोपी पहनी, उन्होंने ही मुसलमानों को ‘टोपी पहनायी’ पटना : केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री डॉ नजमा हेपतुल्ला ने कहा कि आज मुसलमानों को टोपी से ज्यादा रोटी, शिक्षा और रोजगार की जरूरत है. स्टेट गेस्ट हाउस में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम लिये बिना […]
जिन्होंने टोपी पहनी, उन्होंने ही मुसलमानों को ‘टोपी पहनायी’
पटना : केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री डॉ नजमा हेपतुल्ला ने कहा कि आज मुसलमानों को टोपी से ज्यादा रोटी, शिक्षा और रोजगार की जरूरत है. स्टेट गेस्ट हाउस में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम लिये बिना निशाना साधा.
उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने टोपी पहनी उन्होंने मुसलमानों को रोटी दे दी क्या? वैसे लोग जिन्होंने टोपी पहनी वे मुसलमानों को ‘टोपी पहनाने’ में लगे हैं. बिहार के मुसलमान गरीबी से जूझ रहे हैं, उन्हें हुनरमंद बनाने की जरूरत है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के टोपी नहीं पहनने और इफ्तार में नहीं जाने के सवाल पर केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री यह जवाब दिया. उन्होंने कहा कि इफ्तार में जाकर फोटो खिंचवाने में ना तो प्रधानमंत्री ना ही वह विश्वास रखती हैं. कुछ लोग तो इफ्तार करते हैं. उस दिन टोपी पहनते हैं, शाफा लेते हैं, मुसलमानों से गले मिलने हैं, साथ में इफ्तार करते हैं और फोटो भी खिंचवाते हैं.
ऐसे में लगता है कि एक इफ्तार से मुसलमानों को सब कुछ दे दिया. ऐसा करने से अच्छा है कि गरीबों को रोटी दी जाये. उन्हें अच्छी तालीम दी जाये और रोजगार दी जाये. गरीब को तो पूरे साल भर रोजा करता पड़ता है. किसी बस्ती में उनकी मदद कर दें तो वह बेहतर है. डॉ हेपतुल्ला ने कहा कि लोकसभा चुनाव के समय वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अल्पसंख्यकों के लिए जो भी वादे किये गये थे उसके प्रोग्राम तैयार कर लिये गये हैं.
और पूरे भी कर लिये गये हैं. अगर पूर्व वर्ती सरकार जो कांग्रेस, राजद या फिर जदयू की रही है उनके घोषणा पत्र में से कितने वादे अल्पसंख्यकों के पूरे हुए हैं, यह देखना चाहिए. भाजपा ने अल्पसंख्यकों के लिए जो वादे किये थे उसे 15 महीने के अंदर ही पूरा कर लिया है. इसी कड़ी में शनिवार को मदरसों के अल्पसंख्यक बच्चों के लिए ‘नयी मंजिल स्कीम’ की शुरुआत की गयी. इसमें मदरसों के बच्चों को हुनरमंद बनाया जायेगा. इसके लिए केंद्र सरकार उन्हें ट्रेनिंग देने की व्यवस्था करेगी. जो बच्चे ड्रॉप आउट हैं उन्हें ब्रिज कोर्स के जरिये साक्षर किया जायेगा.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अक्तूबर 2013 में पटना के गांधी मैदान में बम फट रहे थे तो नरेंद्र मोदी ने बम पर कुछ नहीं कहा. वे अपने इरादे से नहीं हटे. उन्होंने कहा कि बिहार व यूपी में सबसे ज्यादा मदरसे हैं.
इसलिए यहां से शुरुआत की गयी है. वैसे चुनाव तो देश में कहीं ना कहीं होते रहते हैं तो क्या स्कीम की शुरुआत दूसरे जगह से की जाती. अगर दूसरे राज्य से इसकी शुरुआत होती और वहां मदरसे ही नहीं होते तो आप ही लोग इस पर सवाल उठाते.
ललित मोदी पर संसद में बहस को तैयार
भागलपुर दंगा की रिपोर्ट पर उन्होंने कहा कि इस पर सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए. जांच रिपोर्ट देखने और विधानसभा चुनाव के बाद इस पर जवाब दूंगी, क्योंकि उस समय हमारी ही सरकार रहेगी. केंद्रीय मंत्री ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज-ललित मोदी प्रकरण पर कहा कि उन्होंने कोई गड़बड़ी नहीं की. हम तो संसद में बहस को भी तैयार हैं.