बिहार से भाजपा को लौटाना है : लालू प्रसाद

राष्ट्रीय एकता सम्मेलन में राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद बोले पटना : जमीअत उलमा ए हिंद बिहार की ओर से आयोजित राष्ट्रीय एकता सम्मेलन में राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने कहा कि फासिस्ट ताकत को परास्त करने के लिए सबको एकजुट होना होगा. कुछ माह बाद बिहार में चुनाव होगा. यह बिहार का चुनाव नहीं पूरे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 9, 2015 4:25 AM
राष्ट्रीय एकता सम्मेलन में राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद बोले
पटना : जमीअत उलमा ए हिंद बिहार की ओर से आयोजित राष्ट्रीय एकता सम्मेलन में राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने कहा कि फासिस्ट ताकत को परास्त करने के लिए सबको एकजुट होना होगा.
कुछ माह बाद बिहार में चुनाव होगा. यह बिहार का चुनाव नहीं पूरे देश का चुनाव है. भाजपा को बिहार से वापस करना है. इसके लिए अकलियतों की जरूरत है. पहले भी अकलियतों ने सेकुलर ताकत को मजबूत करने का काम किया है. भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने आपातकालीन स्थिति करार किया है.
सोशल मीडिया पर जिस तरह दिखाया जा रहा है, इससे सेकुलर ताकत को एकजुट होना होगा. उन्होंने कहा कि गरीबों के थाल में दाल नहीं है तो कहा जा रहा कि सूर्य नमस्कार करो. जातीय जनगणना का जो रिपोर्ट आया है , वह खतरनाक है. लालू प्रसाद ने कहा कि कौमी एकता बहाल करने के लिए जमीअत उलमा काम करता रहा है.
पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार ने कहा कि बिहार में अगली सरकार महागंठबंधन की बनेगी. बिहार का भविष्य इस चुनाव पर निर्भर होना है. देश में जो स्थिति है उससे कुछ भी हो सकता है. देश से मुसलमान को खत्म कर दिये जाने की बात पर उन्होंने कहा कि अकलियत भाइयों को दिमाग से यह बात निकाल देना चाहिए. अकलियत इस देश में रहेंगे. ऐसा कहने वाले को मुंह की खानी पड़ेगी.
जमीअत उलमा ए हिंद के अध्यक्ष हजरत मौलाना सैयद अरशद मदनी ने कहा कि देश में फिरकापरस्त ताकत बढ़ रही है. इसका मुकाबला करने की जरूरत है.संगठन को चुनाव व किसी पार्टी से कोई मतलब नहीं है. उन्होंने कहा कि फसाद रोकने के लिए कांग्रेस ने कोई कानून नहीं बनाया. जो कानून बनाया उसमें पुलिस को ही ताकतवर बना दिया.
देश को संवारने में मुसलमान का बड़ा योगदान है. 25 करोड़ मुसलमान को अछूत किया जा सकता है, लेकिन उसे निकाला नहीं जा सकता है. मदनी ने कहा कि लालू प्रसाद ने अपने शासन में फसाद नहीं होने दिया, लेकिन वह भी कानून नहीं बना पाये. जमीअत उलमा ए हिंद आजादी से पहले से काम करती रही है.
जमीअत उलमा ए हिंद के महासचिव अहमद कादरी ने स्वागत भाषण करते हुए मंच संचालन किया. सम्मेलन में एक प्रस्ताव पारित हुआ, जिसमें देश में बिगड़ते हुए सांप्रदायिक स्थिति पर चिंता व्यक्त की गयी. सम्मेलन में इमारत ए शरिया के मौलाना अनीसुर रहमान कासमी, बिहार विधान परिषद के पूर्व उप सभापति सलीम परवेज, पूर्व विधान पार्षद गुलाम गौस, राजद नेता तेज प्रताप सहित कई अल्पसंख्यक नेता उपस्थित थे.

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