नीतीश ने कहा, बिहार का डीएनए तुम क्या जानों जुमला बाबू?
नयी दिल्ली : बिहार का चुनावी पारा धीरे-धीरे अपने चरम पर पहुंचता जा रहा है. आरोप-प्रत्यारोप का दौर तो पहले से ही जारी था लेकिन अब एक-दूसरे पर ताने भी दिए जा रहे हैं. अब नीतीश कुमार ने डीएनए विवाद को बिहार के अस्मिता से जोड़ दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गया रैली के […]
नयी दिल्ली : बिहार का चुनावी पारा धीरे-धीरे अपने चरम पर पहुंचता जा रहा है. आरोप-प्रत्यारोप का दौर तो पहले से ही जारी था लेकिन अब एक-दूसरे पर ताने भी दिए जा रहे हैं. अब नीतीश कुमार ने डीएनए विवाद को बिहार के अस्मिता से जोड़ दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गया रैली के पहले एक विज्ञापन (रेडियो और एफएममें)जारी किया गया है जिसमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भाजपा पर प्रहार करते हुए दिख रहे हैं. नीतीश कुमार नरेंद्र मोदी पर अप्रत्यक्ष रुप से कहते दिख रहे हैं कि बिहार का डीएनए तुम क्या जानों जुमला बाबू?
वहीं दूसरी ओर, ‘डीएनए’ संबंधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री के तीखे पलटवार पर पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि अपने को ‘बिहार का पर्याय’ समझने वाले नीतीश कुमार आगामी विधानसभा चुनाव में ‘मुख्य मुद्दे’ से ध्यान भटकाने की कवायद में गैर जरुरी विषयों को उछाल रहे हैं.
बिहार चुनाव में भाजपा नीत राजग की जीत का दावा करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जनता इस बात को समझती है कि केंद्र और राज्य में एक ही पार्टी की सरकार होने पर प्रदेश का विकास ज्यादा होता है. ‘टकराव से विकास का मार्ग बाधित होता है. हम विकास और सुशासन के मुद्दे के साथ चुनाव मैदान में जा रहे हैं.’’
सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार जरुरी मुद्दे से लोगों का ध्यान भटकाने का प्रयास कर रहे हैं और स्वयं को बिहार का ‘पर्याय’ समझने लगे हैं. उन्हें अपनी उपलब्धियों के साथ चुनाव में जनता के सामने जाना चाहिए, भाजपा के साथ रहे गठबंधन की उपलब्धियों के आधार पर नहीं.