पटना : बिहार विधानसभा चुनाव के नजदीक आने के साथ ही पीएम मोदी के डीएनए संबंधी बयान को लेकर सियासी पारा चढ़ने लगा है. इस मामले पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ मोर्चा तेज करते हुए सोमवार को नया एलान किया है. नीतीश कुमार ने इस बयान को बिहार के लोगों का अपमान बताते हुए इस शब्द की वापसी के लिए अभियान चलाने की घोषणा की है. उन्होंने इसके खिलाफ शब्दवापसी अभियान /TakeBackYourWords चलाने की घोषणा भी की है. साथ ही 50 लाख लोग प्रधानमंत्री मोदी को अपना डीएनए सैंपल भी भेजेंगे. नीतीश ने आज ट्वीट कर ये जानकारी दी.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव मंगलवार से बिहार में एक साथ चुनाव अभियान शुरू करेंगे. मंगलवार को नीतीश और लालू की साझा प्रेस वार्ता होगी इसके बाद संयुक्त अभियान की शुरुआत की जायेगी. इस अभियान का नाम होगा शब्द वापसी. नीतीश और लालू की तरफ से दावा किया गया है कि पीएम मोदी से डीएनए वाला बयान वापस लेने के लिए 50 हजार लोगों के दस्तखत वाला ज्ञापन तैयार किया जाएगा. दावा ये भी है कि लोग पीएम के बयान पर विरोध जताने के लिए अपने डीएनए का सैंपल भेजेंगे. संयुक्त अभायन के पहले चरण के समापन पर नीतीश और लालू 29 अगस्त को पटना में स्वाभिमान रैली करेंगे.
गौर हो कि रविवार दोपहर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गया में पार्टी की परिवर्तन रैली में सीएम नीतीश कुमार और राजद प्रमुख लालू प्रसाद पर जोरदार निशाना साधा था. इसके बाद नीतीश कुमार ने जवाबी हमले में जबरदस्त प्रतिक्रिया दी. नीतीश ने कहा, बिहार को बीमारू राज्य कहकर पीएम मोदी ने दूसरी बार बिहार की जनता को अपमानित किया है. उन्होंने कहा, पहली बार आये तो डीएनए का सवाल छेड़ा और बिहारियों को अपमनित किया, हमने आग्रह किया कि शब्द वापस ले लें, लेकिन उन्होंने शब्द वापस नहीं लिया और इस बार बिहार को बीमारू राज्य कहकर बिहार के लोगों को एक बार फिर अपमानित किया है.