बिहार : महागंठबंधन में सीट बटवारे पर पवार व मुलायम की पार्टी बिफरी

नयी दिल्ली : बिहार विधानसभा चुनाव के नजदीक आने के साथ ही सियासी हलचल तेज हो गयी है. सपा, एनसीपी और तृणमूल कांग्रेस सहित गैर कांग्रेसी और गैर एनडीए क्षेत्रीय पार्टियों ने इस साल के आखिर में होने जा रहे बिहार विधानसभा चुनावों सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने तथा एक साझा राजनीतिक रणनीति बनाने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 13, 2015 8:10 AM

नयी दिल्ली : बिहार विधानसभा चुनाव के नजदीक आने के साथ ही सियासी हलचल तेज हो गयी है. सपा, एनसीपी और तृणमूल कांग्रेस सहित गैर कांग्रेसी और गैर एनडीए क्षेत्रीय पार्टियों ने इस साल के आखिर में होने जा रहे बिहार विधानसभा चुनावों सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने तथा एक साझा राजनीतिक रणनीति बनाने के लिये बुधवार को अहम बैठक की. क्षेत्रीय क्षत्रपों की यह बैठक इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इस बैठक से मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को अलग रखा गया जिससे कुछ हद तक वैकल्पिक राजनीतिक व्यवस्था पर काम की कोशिश का संकेत मिलता है. हालांकि बैठक में शामिल क्षेत्रीय क्षत्रपों में से ज्यादातर का लोकसभा में या उनके अपने राज्य में विधानसभा चुनाव में प्रदर्शन बेहतर नहीं रहा और उन्हें भाजपा के हाथों पराजय मिली थी. वहीं, बिहार विस चुनाव के लिए केवल तीन सीटें दिए जाने के बाद एनसीपी ने जदयू-राजद-कांग्रेस गठबंधन का साथ छोड़ने का एलान करते हुये कहा है कि राज्य में सभी सीटों पर पार्टी अकेले चुनाव लड़ सकती है. उधर, सपा ने भी सीट बंटवारे में पार्टी की उपेक्षा का आरोप लगाया है.

एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने इस बात को तवज्जो नहीं दी कि गैर कांग्रेसी और गैर भाजपाई दलों की यह बैठक राष्ट्रीय राजनीति में किसी मोरचा के उदय का संकेत है. शरद पवार के आवास पर एक घंटे से अधिक समय तक चली यह बैठक एनसीपी प्रमुख ने बुलाई थी. पवार का आवास कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास 10 जनपथ से कुछ ही दूर पर है. एनसीपी और कांग्रेस के संबंध फिलहाल बहुत अच्छे नहीं हैं, खास कर महाराष्ट्र में. पवार के अलावा बैठक में सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, जदयू अध्यक्ष शरद यादव, नेकां के फारुक अब्दुल्ला भी शामिल हुये. हालांकि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बैठक में शामिल नहीं हुए. लेकिन उन्होंने ममता बनर्जी के माध्यम से इन नेताओं को अगले माह बुलाई गई उस बैठक में शामिल होने का आग्रह किया जिसमें सहयोगात्मक संघवाद पर चर्चा होगी.

वहीं, बिहार में भाजपा-विरोधी गठबंधन को शरद पवार की पार्टी एनसीपी द्वारा विधानसभा चुनाव से पहले सीटों के बंटवारे को लेकर बुधवार को गठबंधन का साथ छोड़ने से करारा झटका लगा है. जदयू-राजद-कांग्रेस गठबंधन के साथ सीटों के बंटवारे को लेकर हुई बातचीत के दौरान राकांपा को कुल 243 में से महज तीन सीटें दी जा रही थीं. एनसीपी नेता तारिक अनवर ने कहा कि उन्होंने भविष्य की रणनीति तय करने के लिए पार्टी नेताओं की बैठक बुलायी है. उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी अकेले दम पर भी बिहार चुनाव में उतर सकती है.

अनवर ने कहा, मैं जदयू-राजद-कांग्रेस गठबंधन के साथ रहना चाहता था, लेकिन चूंकि वे एनसीपी को नहीं चाहते हैं, उन्हें मेरे योगदान की जानकारी नहीं है. गठबंधन की घोषणा करने के लिये आयोजित संवाददाता सम्मेलन में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी हाल ही में विधान परिषद् के 24 सीटों पर चुनाव के दौरान हमारे साथ थी और हम चाहेंगे कि वह विधानसभा चुनाव में भी साथ रहे. नीतीश ने संकेत दिया कि यदि एनसीपी गठबंधन में शामिल होती है तो उसे तीन सीटें दी जाएंगी.

सीट बंटवारे में सपा की उपेक्षा: रामचंद्र सिंह यादव
समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व विधायक रामचंद्र सिंह यादव ने राजद-जदयू गठबंधन में सपा की उपेक्षा पर नाराजगी जतायी है. पटना में राजद-जदयू और कांग्रेस के बीच सीटों के बंटवारे में समाजवादी पार्टी को अनदेखी पर चिंता जताते हुए कहा कि महागठबंधन में समाजवादी पार्टी भी शामिल है. लेकिन गठबंधन में सीटों के बंटवारे में उनसे विमर्श नहीं किया गया. सपा पदाधिकारियों ने बैठक कर स्थिति पर चिंता जतायी है. यादव ने कहा कि महागठबंधन की अवधारणा सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने दी थी और उनकी ही पहल से इसे राष्ट्रीय आकार प्रदान किया गया. इसमें कई पार्टियों को शामिल किया गया. लेकिन अब उनकी उपेक्षा की जा रही है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में हमने राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव से भी बात की है. उन्हें गठबंधन में सपा की उपेक्षा से अवगत करा दिया है. सपा प्रमुख ने कहा कि गठबंधन में यदि सपा को सम्मानजनक सीट नहीं मिली तो वह वामपंथी दलों के साथ मिलकर सभी सीटों पर चुनाव लड़ा जाएगा.

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