कार्यपालक पदाधिकारी ने मांगे कार्यपालक दंडाधिकारी के अधिकार

पटना : नगर निगम क्षेत्र में सभी मुख्य व प्रधान सड़कों पर अतिक्रमण, आवासीय कॉलोनियों से खटाल हटाने की अभियान चलाया जा रहा है. साथ ही अवैध होर्डिग और बिल्डिंग पर भी कार्रवाई की जा रही है. अभियान का संचालन अंचल के कार्यपालक पदाधिकारी (इओ) द्वारा किया जाता है. इओ के मार्गदर्शन में अतिक्रमण व […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 14, 2015 1:25 AM
पटना : नगर निगम क्षेत्र में सभी मुख्य व प्रधान सड़कों पर अतिक्रमण, आवासीय कॉलोनियों से खटाल हटाने की अभियान चलाया जा रहा है. साथ ही अवैध होर्डिग और बिल्डिंग पर भी कार्रवाई की जा रही है. अभियान का संचालन अंचल के कार्यपालक पदाधिकारी (इओ) द्वारा किया जाता है.
इओ के मार्गदर्शन में अतिक्रमण व खटाल हटाये जाते हैं, लेकिन घंटे-दो घंटे के भीतर खटाल संचालन के साथ-साथ अतिक्रमणकारियों का कब्जा भी हो जाता है. इतना ही नहीं. कभी-कभी अतिक्रमण हटाते समय असामाजिक तत्वों के विरोध का भी सामना करना पड़ता है, जिससे विधि-व्यवस्था गड़बड़ हो जाती है. इससे निबटने के लिए नगर आयुक्त जय सिंह ने नगर विकास व आवास विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिखा है.
पत्र में कहा गया है कि कार्यपालक पदाधिकारियों को दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 20 व 21 के तहत कार्यपालक दंडाधिकारी व विशेष कार्यपालक दंडाधिकारी की शक्ति प्रदान की जाये, ताकि अभियान के दौरान विधि-व्यवस्था सामान्य रखी जा सके.
शांतिभंग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान
नगर आयुक्त ने विभागीय प्रधान सचिव को लिखे पत्र में कहा है कि दंड प्रक्रिया संहिता में शांति भंग करनेवाले तत्वों के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है.
कार्यपालक पदाधिकारी धारा 107, 108, 109 व 110 के तहत असामाजिक तत्वों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई कर सकते हैं. यह शक्ति कार्यपालक पदाधिकारियों में समाहित की जाती है, जो नगरीय सुविधा उपलब्ध कराने में भी आसानी होगी.

Next Article

Exit mobile version